न्यूयॉर्क: चीन के उत्तर-पश्चिम प्रांत में मानवाधिकारों के हनन (Human Rights Violence in China) से जुड़ी रिपोर्ट्स के बीच यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स, मिशेल बचेलेट 23 से 28 मई तक चीन के दौरे पर रहेंगी. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की मानवाधिकार प्रमुख सरकार के निमंत्रण पर चीन पहुंच रही है. चीन के विदेश मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी.
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, ह्यूमन राइट्स वाच ने शुक्रवार को कहा कि, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के हाई कमिश्नर की आगामी चीन यात्रा से यह पता चलना चाहिए कि वहां हालात कैसे हैं और हिंसा से पीड़ित लोगों को न्याय व इसके लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय होनी चाहिए.
इससे पहले यूएन की मानवाधिकार हाई कमिश्नर ने कहा कि, उन्हें उइगर प्रांत के शीजियांग में पूरी आजादी के साथ पहुंचने की आवश्यकता होगी ताकि स्वतंत्र तरीके से मूल्यांकन किया जा सके. उनकी इस यात्रा से जुड़ी शर्तों के बारे में नहीं बताया गया है.वहीं चीनी अधिकारियों ने जोर देते हुए कहा कि, यह यात्रा सिर्फ मित्रवत संवाद के उद्देश्य से होगी. इसके अलावा और किसी बात की अनुमति नहीं होगी.
चीन की ह्यूमन राइट्स वाच की डायरेक्टर, सोफी रिचर्डसन ने कहा कि, चीन की सरकार ने बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का हनन किया है जिसकी कल्पना नहीं जा सकती है. क्योंकि यहां किसी को जवाबदेही का डर नहीं है. पिछली बार यूएन की मानवाधिकार हाई कमिश्नर 2005 में चीन आई थीं.
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पिछले कुछ सालों में चीन की सरकार ने सिलसिलेवार तरीके से तिब्बती लोगों की संस्कृति, भाषा और धार्मिक स्वतंत्रता हनन किया है. इसके अलावा हॉन्गकॉन्ग के नागरिकों के मानवाधिकारों को भी कुचला है.
न्यूयॉर्क स्थित ह्यूमन राइट्स वॉच और 59 अन्य समूहों ने इससे पहले यूएन हाई कमिश्नर से अपील की है कि चीन में जारी मानवाधिकार हनन को रोकने के लिए कई कदम उठाएं. क्योंकि चीन की सरकार उनकी यात्रा में कई तरह की अड़चने पैदा करने की कोशिश कर रही है.
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