न्यू ऑर्लीन्स (अमेरिका). अमेरिका के उच्चतम न्यायालय द्वारा रो बनाम वेड मामले में फैसला सुनाए जाने के बाद सोमवार को लुइसियाना और उताह की अदालतों ने गर्भपात पर लगे प्रतिबंधों पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी, जबकि साउथ कैरोलाइना की एक संघीय अदालत ने कहा कि गर्भधारण के छह सप्ताह बाद गर्भपात नहीं कराया जा सकता. उच्चतम न्यायालय द्वारा गर्भपात को मिले संवैधानिक संरक्षण को शुक्रवार को खत्म करने के बाद कई याचिकाएं दायर की गई हैं.
एक पक्ष चाहता है कि प्रतिबंध तत्काल लागू हों और दूसरा पक्ष ऐसे कदमों को रोकने या इन्हें लागू करने के लिए और समय की मांग कर रहा है. सोमवार को अदालतों की अधिकांश गतिविधि ‘ट्रिगर कानूनों’ पर केंद्रित थी जिन्हें 13 राज्यों द्वारा अपनाया गया है. इन्हें, गत सप्ताह शीर्ष अदालत के फैसले के बाद तत्काल लागू करने के उद्देश्य से बनाया गया था. ‘सेंटर फॉर रिप्रोडक्टिव राइट्स’ संगठन की अध्यक्ष और सीईओ नैंसी नॉर्थअप ने शुक्रवार को कहा, “हम कल अदालत में वापस आएंगे और उसके बाद भी अपील करते रहेंगे.”
गर्भपात पर लगे प्रतिबंध पर तत्काल रोक
उताह और लुइसियाना में ‘ट्रिगर कानूनों’ को रोकने के लिए तत्काल फैसले दिए गए. उताह की अदालत ने गर्भपात पर लगे प्रतिबंध पर 14 दिन की रोक लगा दी ताकि इसे चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो सके. लुइसियाना ने गर्भपात पर प्रतिबंध पर अस्थायी रोक लगा दी. वहां इसके विरोध में दाखिल याचिका पर आठ जुलाई को सुनवाई होनी है.
सुप्रीम कोर्ट ने खत्म किया गर्भपात के लिए संवैधानिक संरक्षण
गौरतलब है कि अमेरिकी के उच्चतम न्यायालय ने 50 साल पहले रो बनाम वेड मामले में दिए गए फैसले को पलटते हुए गर्भपात के लिए संवैधानिक संरक्षण को समाप्त कर दिया है. शुक्रवार को हुए इस घटनाक्रम से अमेरिका के लगभग आधे राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध लगने की संभावना है. फैसले के मुताबिक, गर्भपात की वैधता और इससे संबंधित सभी सवाल अब अमेरिका के अलग-अलग राज्यों पर निर्भर करेंगे, जिनमें से कुछ राज्यों ने गर्भपात पर तुरंत प्रतिबंध भी लगा दिया है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: United States