वॉशिंगटन. अमेरिका (America) में भारतीय समयानुसार मंगलवार शाम 4.30 बजे से राष्ट्रपति चुनाव (President Election) के लिए मतदान शुरू हो गया है. वहीं, इस समय पर अमेरिका में वोटिंग सुबह 6 बजे शुरू हो चुकी है. इस बार रिपब्लिकन पार्टी (Republic) के उम्मीदवार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और डेमोक्रेटिक (Democratic) पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन (Joe Biden) के बीच टक्कर का मुकाबला है. अपने सीनेट करियर में सबसे कठिन दौर का सामना कर रहे सीनेटर जॉन कॉर्निन ने अभियान के दूसरे चरण में अपनी रिपब्लिकन पार्टी को समर्थन मिलने की बात कही है. वहीं पिछले हफ्ते उन्होंने इस पर संदेह जताया था. जॉन कॉर्निन एक अमेरिकी राजनेता और वकील हैं जो 2002 से टेक्सास के वरिष्ठ सीनेटर के रूप में सेवारत हैं.
जॉन कॉर्निन से यह पूछे जाने पर कि क्या ट्रंप के इन चुनावों में दमदार उम्मीदवार के तौर पर उभरकर आना आपके कड़े प्रयासों का एक परिणाम हैं जिन्होंने रिपब्लिकन की विचारधारा की नई परिभाषा गढ़ी है. उन्होंने कहा बिल्कुल. इस वर्ष के चुनाव में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों के ही इस बात से विमुख होने की संभावना है कि व्हाइट हाउस की जीत से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. वहीं, नरमपंथियों और प्रगतिवादियों के बीच मतभेद उभर रहे हैं.
हार-जीत से तय होता है राजनीतिक दल का भविष्य
अमेरिका में परंपरागत रूप से देखा जाए तो राष्ट्रपति चुनाव में हार और जीत से राजनीतिक दल का भविष्य तय होता नजर आता है. जब साल 2008 में बराक ओबामा ने राष्ट्रपति चुनाव मे जीत हासिल की थी तो उन्होंने अपनी बिखरते हुए राजनीतिक दल को फिर से स्थापित करने की कोशिश की थी. वहीं, आठ साल पहले जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने भी पार्टी की छवि को दयालू रूढ़िवादिता के संदेश से सुधारा था.
आज, दोनों राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के साथ ट्रम्प पर एक जनमत संग्रह की बात की जा रही है. वहीं, दोनों दलों की बीच बड़ी बहस यह छिड़ी हुई है कि इस राष्ट्रीय संकट के बीच देश को कैसे चलाया जाना है. एक रिपब्लिकन रणनीतिकार ब्रैड टॉड ने कहा कि दोनों पक्ष इस चुनाव को एक व्यक्तित्व के रूप में देख रहे हैं. इसलिए इनके वैचारिक बोध पर प्रकाश डालना मुश्किल हो रहा है.
अगर हारे तो ये तर्क देंगे बाइडेन
बता दें कि यदि बाइडेन जीतते हैं तो प्रगतिशील डेमोक्रेट्स अपनी चुनावी युद्धविराम संधि को तोड़ने की तैयारी में हैं और ट्रेजरी सचिव के रूप में मैसाचुसेट्स के सेन एलिजाबेथ वॉरेन सहित प्रमुख सरकारी पदों पर उदारवादियों को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं और अगर बाइडेन हार जाते हैं तो वे तर्क देंगे कि वह जनता को विश्वास में लेने में असमर्थ रहे.
बहरहाल, कॉर्निन जैसे रिपब्लिकन के लिए युद्ध की रेखाएं पहले से ही खींची जा चुकी हैं. वहीं, जब चार साल पहले ट्रंप ने देश की सत्ता संभाली थी तब पार्टी के अंदर के पुराने नेताओं को ट्रंप का राष्ट्रपति बनना खल रहा था. पूर्व सेन जेफ फ्लेक और आर-एरीज़ ने कहा कि उन्होंने उम्मीद की है कि ट्रम्प हार जाएंगे, उन्होंने कहा कि हार से पार्टी को 'क्रोध और असंतोष' से एक ऐसे समावेशी संदेश को विकसित करने में मदद मिलेगी जो एक विविध देश में जीत सकता है.
फ्लेक ने आगे कहा कि बड़े चुनाव में हार कुछ सोचने का समय नहीं देती है. यह बात राष्ट्रपति पद पर आकर बड़ा मायने रखती है. बता दें कि फ्लेक राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडेन का समर्थन करते हैं.undefined
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Tags: Donald Trump, Joe Biden, US presidential election 2020
FIRST PUBLISHED : November 03, 2020, 23:23 IST