रूस ने US नेवी पर लगाया घुसपैठ का आरोप, कहा- इस बार आए तो तबाह कर देंगे

रूस ने अमेरिकी नौसेना पर लगाया घुसपैठ का आरोप.
RT की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने आरोप लगाया है कि 'यूएसएस जॉन एस मैकेन' उसकी समुद्री सीमा के 'पीटर द ग्रेट गल्फ़' के क्षेत्र में दो किलोमीटर भीतर तक चला आया था. बाद में रूसी नौसेना ने उसे मार भगाया.
- News18Hindi
- Last Updated: November 25, 2020, 2:31 PM IST
मॉस्को. रूस (Russia) ने आरोप लगाया है कि अमेरिकी नौसेना (US Navy) लगातार उसके समुद्री इलाके में घुसपैठ की कोशिश कर रही है. रूस ने कहा है कि उसके समुद्री इलाके में घुसने वाले अमेरिकी जहाज़ को वो तबाह कर देगा. रूस ने दावा किया कि उसके युद्धपोत ने जापान सागर के उसके इलाक़े में घुस आए अमेरिकी नौसेना के विध्वंसक जहाज़ का का पीछा किया. अमेरिकी नौसेना के इस विध्वंसक जहाज़ का नाम 'यूएसएस जॉन एस मैकेन' है.
RT की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने आरोप लगाया है कि 'यूएसएस जॉन एस मैकेन' उसकी समुद्री सीमा के 'पीटर द ग्रेट गल्फ़' के क्षेत्र में दो किलोमीटर भीतर तक चला आया था. रूस का कहना है कि उसने इस जहाज़ को नष्ट करने की चेतावनी दी थी जिसके बाद ये जहाज़ उसके इलाक़े से चला गया. हालांकि अमेरिकी नौसेना ने किसी तरह की ग़लती करने से इनकार किया है और ये भी कहा है कि उसके जहाज़ को कहीं से जाने के लिए नहीं कहा गया था. मंगलवार को ये घटना जापान सागर में हुई. इस क्षेत्र को ईस्ट सी या पूर्वी सागर के नाम से भी जानते हैं. रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उसके प्रशांत क्षेत्र के बेड़े के विध्वंसक जहाज़ एडमिरल विनोग्रादोव ने इंटरनेशनल कम्युनिकेशन चैनल के ज़रिये अमेरिकी जहाज़ को चेतावनी दी.
धमकी में ये कहा गया था कि "उसके समुद्री क्षेत्र में आने वाले घुसपैठिये को बाहर करने के लिए ताक़त का इस्तेमाल किया जा सकता है." अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के प्रवक्ता लेफ़्टिनेंट जोए केली ने इस दावे के जवाब में कहा कि "रूस ग़लतबयानी कर रहा है. यूएसएस जॉन एस मैकेन को किसी भी देश ने अपने क्षेत्र से जाने के लिए नहीं कहा था." उन्होंने कहा, "समुद्री सीमाओं को लेकर किए गए अवैध दावों को अमेरिका कभी भी स्वीकार नहीं करेगा जैसा कि इस मामले में रूस ने किया था."
अमेरिका ने चीन को भी उकसाया
उधर अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में सियासत के बीच एक बार फिर बीजिंग और वाशिंगटन के बीच ठन गई है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने चीन के खिलाफ वियतनाम और फिलीपींस के समर्थन का आश्वासन दिया है. उनके इस समर्थन पर सियासत गरमा गई है। इस समर्थन को लेकर चीन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. चीन ने कहा है कि अमेरिका का यह कदम शीत युद्ध को उकसाने वाला है. हालांकि, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव हार चुके हैं, लेकिन उनकी विदेश नीति और चीन के खिलाफ रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार मनीला स्थित चीनी दूतावास ने सख्त बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार द्वारा फिलीपींस पर दिए गए बयान से दक्षिण चीन सागर में परेशानी बढ़ सकती है. अमेरिका का यह कदम फिलीपींस और चीन के बीच दरार को बढ़ाने वाला है. इससे इस क्षेत्र में शीत युद्ध का खतरा उत्पन्न होगा. चीन के राजदूत ने कहा कि अमेरिका को दक्षिण चीन में अपने दखल को बंद करना चाहिए.
RT की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने आरोप लगाया है कि 'यूएसएस जॉन एस मैकेन' उसकी समुद्री सीमा के 'पीटर द ग्रेट गल्फ़' के क्षेत्र में दो किलोमीटर भीतर तक चला आया था. रूस का कहना है कि उसने इस जहाज़ को नष्ट करने की चेतावनी दी थी जिसके बाद ये जहाज़ उसके इलाक़े से चला गया. हालांकि अमेरिकी नौसेना ने किसी तरह की ग़लती करने से इनकार किया है और ये भी कहा है कि उसके जहाज़ को कहीं से जाने के लिए नहीं कहा गया था. मंगलवार को ये घटना जापान सागर में हुई. इस क्षेत्र को ईस्ट सी या पूर्वी सागर के नाम से भी जानते हैं. रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उसके प्रशांत क्षेत्र के बेड़े के विध्वंसक जहाज़ एडमिरल विनोग्रादोव ने इंटरनेशनल कम्युनिकेशन चैनल के ज़रिये अमेरिकी जहाज़ को चेतावनी दी.
US Navy defends entering Russian waters by blasting Moscow’s ‘EXCESSIVE’ maritime claims https://t.co/T8DQlGoFZl
— RT (@RT_com) November 24, 2020
धमकी में ये कहा गया था कि "उसके समुद्री क्षेत्र में आने वाले घुसपैठिये को बाहर करने के लिए ताक़त का इस्तेमाल किया जा सकता है." अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के प्रवक्ता लेफ़्टिनेंट जोए केली ने इस दावे के जवाब में कहा कि "रूस ग़लतबयानी कर रहा है. यूएसएस जॉन एस मैकेन को किसी भी देश ने अपने क्षेत्र से जाने के लिए नहीं कहा था." उन्होंने कहा, "समुद्री सीमाओं को लेकर किए गए अवैध दावों को अमेरिका कभी भी स्वीकार नहीं करेगा जैसा कि इस मामले में रूस ने किया था."
अमेरिका ने चीन को भी उकसाया
उधर अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में सियासत के बीच एक बार फिर बीजिंग और वाशिंगटन के बीच ठन गई है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने चीन के खिलाफ वियतनाम और फिलीपींस के समर्थन का आश्वासन दिया है. उनके इस समर्थन पर सियासत गरमा गई है। इस समर्थन को लेकर चीन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. चीन ने कहा है कि अमेरिका का यह कदम शीत युद्ध को उकसाने वाला है. हालांकि, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव हार चुके हैं, लेकिन उनकी विदेश नीति और चीन के खिलाफ रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार मनीला स्थित चीनी दूतावास ने सख्त बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार द्वारा फिलीपींस पर दिए गए बयान से दक्षिण चीन सागर में परेशानी बढ़ सकती है. अमेरिका का यह कदम फिलीपींस और चीन के बीच दरार को बढ़ाने वाला है. इससे इस क्षेत्र में शीत युद्ध का खतरा उत्पन्न होगा. चीन के राजदूत ने कहा कि अमेरिका को दक्षिण चीन में अपने दखल को बंद करना चाहिए.