US ने रूस पर लगाया एंटी-सैटलाइट मिसाइल टेस्ट का आरोप, कड़े प्रतिबंधों की दी चेतावनी

अमेरिका-रूस में फिर बढ़ा तनाव (फोटो- AFP)
Russia carried anti satellite missile test: अमेरिका ने आरोप लगाया है कि रूस ने छुपकर एंटी-सैटलाइट मिसाइल टेस्ट किया है. ये परीक्षण New START समझौते का खुला उल्लंघन है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 17, 2020, 9:39 AM IST
वाशिंगटन. अमेरिका (US) और रूस (Russia) के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ता जा रहा है. अमेरिका ने दावा किया है कि रूस ने एंटी-सैटलाइट मिसाइल टेस्ट किया है जो कि समझौते का खुला उल्लंघन है. अमेरिका ने चेतावनी दी है कि रूस ने ऐसे परीक्षण जारी रखे तो उस पर भी तुर्की की तरह कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. अमेरिका ने रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम (S-400 Missile System) खरीदने की वजह से सोमवार को तुर्की पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए.
अमेरिका ने आरोप लगाया है कि रूस अंतरिक्ष में हथियार बढ़ा रहा है और ये अन्य देशों की सैटेलाइट के लिए काफी बड़ा खतरा बनता जा रहा है. बता दें कि अमेरिका-रूस आर्म्स कंट्रोल ट्रीटी के खत्म होने में बस कुछ ही महीने बाकी हैं और मॉस्को और वॉशिंगटन ने इस समझौते के विस्तार पर चर्चा की है लेकिन अभी मतभेद बरकरार हैं. अमेरिकी स्पेस कमांड ने दावा किया है कि वह अमेरिका और अपने सहयोगियों के हितों की अंतरिक्ष में आक्रामकता से सुरक्षा करेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन्हीं खतरों के मद्देनजर स्पेस फ़ोर्स कमांड भी बनाई है.
रूस-अमेरिका में बढ़ रहा है तनाव
इससे पहले अमेरिका के स्पेस कमांड ने अप्रैल में भी दावा किया था कि रूस ने ऐंटी-सैटलाइट मिसाइल टेस्ट किया था. जुलाई में रूस ने अमेरिका और ब्रिटेन के इन दावों को खारिज किया था. इसके उलट रूस ने आरोप लगाया था कि खुद अमेरिका अंतरिक्ष में हथियार तैनात करना चाहता है. रूस ने बताया था कि उसने जो परीक्षण किया था उससे स्पेस में किसी तरह के मलबे की वजह से खतरा पैदा नहीं हुआ था. अमेरिका ने भी माना था कि उसने किसी मलबे को ट्रैक नहीं किया है.
दोनों देशों के बीच New START समझौता 2010 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और तत्कालानी रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदव के बीच किया गया था. New START समझौते के तहत दोनों देशों को सिर्फ 1,550 परमाणु हथियार तैनात करने और 700 मिसाइलें और बमवर्षक विमान तैनात करने की इजाजत है. दोनों देशों के 1987 इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी से बाहर होने के बाद, सिर्फ New START ही ऐसा समझौता है जो दोनों देशों के बीच कायम है. जानकारों के मुताबिक बाइडन के सत्ता में आने के बाद रूस के साथ अमेरिका के संबंध और बिगड़ सकते हैं क्योंकि अमेरिका के नए राष्ट्रपति पर पुतिन के सामने मजबूत नज़र आने का दबाव भी है.
रूस से दोस्ती तुर्की पर भारी
रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने की वजह से अमेरिका ने तुर्की पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं. S-400 सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है. इन प्रतिबंधों में मुख्य रूप से तुर्की की रक्षा खरीद एजेंसी 'प्रेजिडेंसी ऑफ डिफेंस' को निशाना बनाया है. अमेरिका ने प्रतिबंधों का ऐलान करते हुए तुर्की को कहा है कि हमारे साथ तुरंत तालमेल बिठाकर इस मामले को सुलझाने का प्रयास करें. अमेरिका ने एसएसबी के अध्यक्ष इस्माइल, दिमीर, उपाध्यक्ष फारूक यिगित समेत कई लोगों पर वीजा प्रतिबंध समेत कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं.

अमेरिकी विदेश विभाग ने बयान जारी कर विभन्न धाराओं के तहत लगाए गए प्रतिबंधों का ऐलान किया. अमेरिका तुर्की के एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदन को लेकर काफी समय से नाराज चल रहा है. अमेरिका का कहना है कि तुर्की ने सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम खरीदकर नियम तोड़े हैं. गौरतलब है कि तुर्की ने रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद 2019 की गर्मियों में की थी.
अमेरिका ने आरोप लगाया है कि रूस अंतरिक्ष में हथियार बढ़ा रहा है और ये अन्य देशों की सैटेलाइट के लिए काफी बड़ा खतरा बनता जा रहा है. बता दें कि अमेरिका-रूस आर्म्स कंट्रोल ट्रीटी के खत्म होने में बस कुछ ही महीने बाकी हैं और मॉस्को और वॉशिंगटन ने इस समझौते के विस्तार पर चर्चा की है लेकिन अभी मतभेद बरकरार हैं. अमेरिकी स्पेस कमांड ने दावा किया है कि वह अमेरिका और अपने सहयोगियों के हितों की अंतरिक्ष में आक्रामकता से सुरक्षा करेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन्हीं खतरों के मद्देनजर स्पेस फ़ोर्स कमांड भी बनाई है.
#Russia conducted an anti-satellite missile test. #Russia continues to weaponize #space. @US_SpaceCom stands ready to protect/defend US/allied interests from aggression in the space domain. @DeptofDefense @SpaceForceDoD pic.twitter.com/wfcYqx5UFb
— U.S. Space Command (@US_SpaceCom) December 16, 2020
रूस-अमेरिका में बढ़ रहा है तनाव
इससे पहले अमेरिका के स्पेस कमांड ने अप्रैल में भी दावा किया था कि रूस ने ऐंटी-सैटलाइट मिसाइल टेस्ट किया था. जुलाई में रूस ने अमेरिका और ब्रिटेन के इन दावों को खारिज किया था. इसके उलट रूस ने आरोप लगाया था कि खुद अमेरिका अंतरिक्ष में हथियार तैनात करना चाहता है. रूस ने बताया था कि उसने जो परीक्षण किया था उससे स्पेस में किसी तरह के मलबे की वजह से खतरा पैदा नहीं हुआ था. अमेरिका ने भी माना था कि उसने किसी मलबे को ट्रैक नहीं किया है.
दोनों देशों के बीच New START समझौता 2010 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और तत्कालानी रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदव के बीच किया गया था. New START समझौते के तहत दोनों देशों को सिर्फ 1,550 परमाणु हथियार तैनात करने और 700 मिसाइलें और बमवर्षक विमान तैनात करने की इजाजत है. दोनों देशों के 1987 इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी से बाहर होने के बाद, सिर्फ New START ही ऐसा समझौता है जो दोनों देशों के बीच कायम है. जानकारों के मुताबिक बाइडन के सत्ता में आने के बाद रूस के साथ अमेरिका के संबंध और बिगड़ सकते हैं क्योंकि अमेरिका के नए राष्ट्रपति पर पुतिन के सामने मजबूत नज़र आने का दबाव भी है.
रूस से दोस्ती तुर्की पर भारी
रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने की वजह से अमेरिका ने तुर्की पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं. S-400 सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है. इन प्रतिबंधों में मुख्य रूप से तुर्की की रक्षा खरीद एजेंसी 'प्रेजिडेंसी ऑफ डिफेंस' को निशाना बनाया है. अमेरिका ने प्रतिबंधों का ऐलान करते हुए तुर्की को कहा है कि हमारे साथ तुरंत तालमेल बिठाकर इस मामले को सुलझाने का प्रयास करें. अमेरिका ने एसएसबी के अध्यक्ष इस्माइल, दिमीर, उपाध्यक्ष फारूक यिगित समेत कई लोगों पर वीजा प्रतिबंध समेत कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं.
अमेरिकी विदेश विभाग ने बयान जारी कर विभन्न धाराओं के तहत लगाए गए प्रतिबंधों का ऐलान किया. अमेरिका तुर्की के एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदन को लेकर काफी समय से नाराज चल रहा है. अमेरिका का कहना है कि तुर्की ने सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम खरीदकर नियम तोड़े हैं. गौरतलब है कि तुर्की ने रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद 2019 की गर्मियों में की थी.