फ्लोरिडा. क्लारा शेलमैन ने सपने में भी नहीं सोचा था कि नेल सलून जाना उनकी लाइफ के सबसे खराब दिन में शुमार हो जाएगा. टैंपा बे टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक क्लारा सलून में पेडीक्योर कराने गई थीं लेकिन वह वहां अपना पैर ही खो बैठीं. क्लारा ने सलून के खिलाफ जो मामला दर्ज कराया है उसके मुताबिक सलून के कर्मचारी ने पेडिक्योर करते-करते उनका पैर काट दिया. इसमें इंफेक्शन हो गया और धीरे-धीरे फैल गया.
दिक्कत तब बढ़ गई जब क्लारा को पेरिफेरल आर्टेरियल नाम की बीमारी हो गई. ये समस्या और ज्यादा न बढ़ जाए तो कोई और रास्ता न पाकर क्लारा को अपना पैर कटवाना पड़ा. पेरिफेरल आर्टेरियल डिसीज़ में रक्त का संचार करने वाली नसें संकुचित हो जाती हैं जिससे रक्त का संचार धीमा हो जाता है. जो लोग इससे पीड़ित होते हैं उन्हें तेज चोट लगने की आशंका बढ़ जाती है और ऐसे लोगों के संबंधित अंग को काटना ही विकल्प होता है.
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना सितंबर 2018 में फ्लोरिडा में हुई. अब अदालती मामले के तीन साल बीत जाने के बाद क्लारा और सलून के बीच समझौता हो सका है. इसके मुताबिक सलून को क्लारा को मुआवजे के तौर पर 1.75 मिलियन डॉलर यानी कि करीब 13 करोड़ रुपये देने होंगे.
क्लारा ने सलून पर लगाए ये आरोप
मई 2020 में दर्ज किए गए मामले में कहा गया कि सलून पेडिक्योर के लिए गंदे औजारों का इस्तेमाल करता है जिससे कि ग्राहकों के लिए खतरा हो सकता है. इसमें बताया गया कि कंपनी ने स्टैंडर्ड पॉलिसी का पालन नहीं किया और न ही अपने कर्मचारियों को अच्छी ट्रेनिंग दी. हालांकि सलून ने इन सभी आरोपों से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इसमें क्लारा की गलती है क्योंकि उन्होंने इंफेक्शन को रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाए. यहां तक कि सलून ने क्लारा के गंदे औजारों के इस्तेमाल के दावों को भी खारिज कर दिया.
हालांकि क्लारा के वकील पॉल फुलमर ने कहा कि क्लारा को सेटलमेंट के लिए मांगी गई राशि दी जानी चाहिए. बाद में सलून यह रकम देने को राजी हो गया.
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