कोरोना से लड़ने के लिए ब्रिटेन में ह्यूमन चैलेंज की तैयारी, जानें क्या होता है

ह्यूमन चैलेंज ट्रायल्स
Humans Challenge Trials: ह्यूमन चैलेंज ट्रायल्स (एचसीटी) को लेकर दुनिया भर में चर्चाएं हो रही हैं. एचसीटी ने कई बीमारियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने में मदद की है. हालांकि इनमें से कुछ विवादों और नैतिकता के सवालों से घिरे हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: February 19, 2021, 5:58 AM IST
लंदन. ब्रिटेन इसी महीने पहला कोविड-19 (COVID-19) ह्यूमन चैलेंज ट्रायल्स (एचसीटी) आयोजित करने जा रहा है. ब्रिटेन सरकार, इसके लिए 3 अरब 40 करोड़ रुपए से अधिक की राशि (33.6 मिलियन पाउंड) खर्च कर रही है. इसमें सरकार के वैक्सीन टास्क फोर्स, इंपीरियल कॉलेज लंदन, रॉयल फ्री लंदन एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट और कंपनी एचवीवो द्वारा संयुक्त रूप भागीदार हैं. ट्रायल की जानकारी पहली बार अक्टूबर 2020 में दी गई थी.
ह्यूमन चैलेंज ट्रायल्स (एचसीटी) को लेकर दुनिया भर में चर्चाएं हो रही हैं. एचसीटी ने कई बीमारियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने में मदद की है. हालांकि इनमें से कुछ विवादों और नैतिकता के सवालों से घिरे हैं.
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इस ट्रायल के माध्यम से क्या होगा?इस अध्ययन में, 18-30 वर्ष की आयु के बीच के 90 से अधिक स्वस्थ स्वयंसेवकों को जानबूझकर नियंत्रित सेटिंग्स में वायरस की छोटी मात्रा के साथ संक्रमित किया जाएगा, ताकि उपचार और टीके का परीक्षण किया जा सके. इस तरह, प्रतिभागियों को वायरस द्वारा "चैलेंज्ड" किया जाता है. यह सामान्य वैक्सीन क्लिनिकल परीक्षणों के समान नहीं है, जहां वैक्सीन उन प्रतिभागियों को दिया जाता है जिन्हें संक्रमण प्राकृतिक रूप से हो जाता है.
स्वस्थ युवाओं की तलाश
शोधकर्ता स्वस्थ युवाओं की तलाश कर रहे हैं क्योंकि युवाओं को कोविड-19 से होने वाली परेशानियों से अपेक्षाकृत कम जोखिम होता है. शोधकर्ता मार्च 2020 से ब्रिटेन में फैल रहे वायरस के उस स्ट्रेन का भी उपयोग करेंगे. ऐसी जानकारी है कि इस स्ट्रेन से स्वस्थ युवा व्यस्कों को बेहद कम जोखिम होता है.
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कई सवालों के जवाब मिल सकेंगे
शोधकर्ता इस चैलेंज के जरिए उस सबसे छोटी मात्रा को निर्धारित करना चाहते हैं जो किसी व्यक्ति को संक्रमित करने के लिए जरूरी हो. शोधकर्ताओं को यह भी उम्मीद है कि प्रारंभिक अध्ययन के परिणाम से डॉक्टरों को यह समझने में मदद मिलेगी कि SARS-CoV-2 के लिए इम्यून सिस्टम यानी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे प्रतिक्रिया करती है. इसके साथ ही उन कारकों की पहचान करने में मदद मिलेगी जो वायरस को फैलने में मदद करते हैं. वहीं, एक संक्रमित व्यक्ति कैसे वातावरण में वायरस को संचारित करता है, इसका जवाब मिल सकेगा.

कई बातें अभी भी अज्ञात हैं
जब हम जानते हैं कि वायरस से होने वाला संक्रमण, शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करता है, जो रोग से लड़ने के लिए एंटीबॉडी को बेअसर करता है. इसके बावजूद वायरस के बारे में अभी भी कई बातें अज्ञात हैं. उदाहरण के लिए, इस बारे में बहुत कम स्पष्टता है कि कुछ लोगों में बीमारी के कोई लक्षण क्यों नहीं होते हैं और जबकि अन्य में हल्के या गंभीर बीमारियों से लक्षण दिखते हैं.
ह्यूमन चैलेंज ट्रायल्स (एचसीटी) को लेकर दुनिया भर में चर्चाएं हो रही हैं. एचसीटी ने कई बीमारियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने में मदद की है. हालांकि इनमें से कुछ विवादों और नैतिकता के सवालों से घिरे हैं.
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इस ट्रायल के माध्यम से क्या होगा?इस अध्ययन में, 18-30 वर्ष की आयु के बीच के 90 से अधिक स्वस्थ स्वयंसेवकों को जानबूझकर नियंत्रित सेटिंग्स में वायरस की छोटी मात्रा के साथ संक्रमित किया जाएगा, ताकि उपचार और टीके का परीक्षण किया जा सके. इस तरह, प्रतिभागियों को वायरस द्वारा "चैलेंज्ड" किया जाता है. यह सामान्य वैक्सीन क्लिनिकल परीक्षणों के समान नहीं है, जहां वैक्सीन उन प्रतिभागियों को दिया जाता है जिन्हें संक्रमण प्राकृतिक रूप से हो जाता है.
स्वस्थ युवाओं की तलाश
शोधकर्ता स्वस्थ युवाओं की तलाश कर रहे हैं क्योंकि युवाओं को कोविड-19 से होने वाली परेशानियों से अपेक्षाकृत कम जोखिम होता है. शोधकर्ता मार्च 2020 से ब्रिटेन में फैल रहे वायरस के उस स्ट्रेन का भी उपयोग करेंगे. ऐसी जानकारी है कि इस स्ट्रेन से स्वस्थ युवा व्यस्कों को बेहद कम जोखिम होता है.
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कई सवालों के जवाब मिल सकेंगे
शोधकर्ता इस चैलेंज के जरिए उस सबसे छोटी मात्रा को निर्धारित करना चाहते हैं जो किसी व्यक्ति को संक्रमित करने के लिए जरूरी हो. शोधकर्ताओं को यह भी उम्मीद है कि प्रारंभिक अध्ययन के परिणाम से डॉक्टरों को यह समझने में मदद मिलेगी कि SARS-CoV-2 के लिए इम्यून सिस्टम यानी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे प्रतिक्रिया करती है. इसके साथ ही उन कारकों की पहचान करने में मदद मिलेगी जो वायरस को फैलने में मदद करते हैं. वहीं, एक संक्रमित व्यक्ति कैसे वातावरण में वायरस को संचारित करता है, इसका जवाब मिल सकेगा.
कई बातें अभी भी अज्ञात हैं
जब हम जानते हैं कि वायरस से होने वाला संक्रमण, शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करता है, जो रोग से लड़ने के लिए एंटीबॉडी को बेअसर करता है. इसके बावजूद वायरस के बारे में अभी भी कई बातें अज्ञात हैं. उदाहरण के लिए, इस बारे में बहुत कम स्पष्टता है कि कुछ लोगों में बीमारी के कोई लक्षण क्यों नहीं होते हैं और जबकि अन्य में हल्के या गंभीर बीमारियों से लक्षण दिखते हैं.