वुहान पहुंची WHO की टीम, पता लगाएगी कहां से आया वायरस

10 वैज्ञानिकों की इस टीम को वुहान में दो हफ्तों का क्वारैंटाइन समय बिताना होगा. (फोटो: ANI/Twitter)
China Update: चीन अपनी वैक्सीन कोरोनावैक को लेकर भी मुश्किलों का सामना कर रहा है. बीते दिनों आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि शुरुआत में बेहतर रिजल्ट देने के बाद अब वैक्सीन (Corona Vaccine) की प्रभावकारिता दर में काफी कमी आई है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 14, 2021, 10:45 PM IST
बीजिंग. दुनिया को कोरोना वायरस (Corona Virus) नाम की मुश्किल में डालने वाले चीन में वायरस की उतपत्ति की खोज होने जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक्सपर्ट्स की एक टीम गुरुवार को वुहान (Wuhan) पहुंच गई है. 10 वैज्ञानिकों की इस टीम को वुहान में दो हफ्तों का क्वारैंटाइन समय बिताना होगा. इसके बाद टीम अपने काम की शुरुआत कर सकेगी. खास बात है कि चीन में बीते 8 महीनों में पहली बार कोविड-19 (Covd-19) के चलते कोई मौत हुई है.
कोरोना वायरस कहां से शुरु हुआ, यह काफी बड़ा मुद्दा है. लेकिन साल 2019 में वुहान में कोविड-19 का पहला मामला सामने आया था. इसके बाद से ही चीन पर वायरस छिपाने-फैलाने जैसे कई गंभीर आरोप लगे. हालांकि, चीन अपने देश से कोरोना वायरस की शुरुआत होने की बात को हमेशा मना करता रहा है. वहीं, ऐसी रिपोर्ट्स भी सामने आईं थी, जिनमें कहा जा रहा था कि चीन सरकार वायरस पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों की निगरानी कर रही है.
इसके अलावा चीन अपनी वैक्सीन कोरोनावैक को लेकर भी मुश्किलों का सामना कर रहा है. बीते दिनों आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि शुरुआत में बेहतर रिजल्ट देने के बाद अब वैक्सीन की प्रभावकारिता दर में काफी कमी आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, पहले जारी नतीजों में बताया गया था कि कोरोनावैक बीमारी के गंभीर मामलों में भी कारगर है और यह पूरी सुरक्षा देती है. उस समय वैक्सीन की प्रभावकारिता 78 फीसदी तक थी. लेकिन बाद में जारी नतीजों में यह करीब 50 प्रतिशत पर सिमट गई थी. कोरोनावैक का निर्माण सिनोवैक ने किया है.
चीन में कोरोना वायरस पर लगाम लगाने में काफी हद तक सफलता हासिल कर ली थी. देश में अब तक कोविड-19 के 87 हजार 844 केस सामने आए हैं. इनमें से 4 हजार 635 मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं, इस वायरस ने दुनियाभर में 9 करोड़ 27 लाख 78 हजार 922 लोगों को अपना शिकार बना लिया है. वहीं, 19 लाख 86 हजार 903 लोगों की मौत हो चुकी है. इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका है.
कोरोना वायरस कहां से शुरु हुआ, यह काफी बड़ा मुद्दा है. लेकिन साल 2019 में वुहान में कोविड-19 का पहला मामला सामने आया था. इसके बाद से ही चीन पर वायरस छिपाने-फैलाने जैसे कई गंभीर आरोप लगे. हालांकि, चीन अपने देश से कोरोना वायरस की शुरुआत होने की बात को हमेशा मना करता रहा है. वहीं, ऐसी रिपोर्ट्स भी सामने आईं थी, जिनमें कहा जा रहा था कि चीन सरकार वायरस पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों की निगरानी कर रही है.
इसके अलावा चीन अपनी वैक्सीन कोरोनावैक को लेकर भी मुश्किलों का सामना कर रहा है. बीते दिनों आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि शुरुआत में बेहतर रिजल्ट देने के बाद अब वैक्सीन की प्रभावकारिता दर में काफी कमी आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, पहले जारी नतीजों में बताया गया था कि कोरोनावैक बीमारी के गंभीर मामलों में भी कारगर है और यह पूरी सुरक्षा देती है. उस समय वैक्सीन की प्रभावकारिता 78 फीसदी तक थी. लेकिन बाद में जारी नतीजों में यह करीब 50 प्रतिशत पर सिमट गई थी. कोरोनावैक का निर्माण सिनोवैक ने किया है.
चीन में कोरोना वायरस पर लगाम लगाने में काफी हद तक सफलता हासिल कर ली थी. देश में अब तक कोविड-19 के 87 हजार 844 केस सामने आए हैं. इनमें से 4 हजार 635 मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं, इस वायरस ने दुनियाभर में 9 करोड़ 27 लाख 78 हजार 922 लोगों को अपना शिकार बना लिया है. वहीं, 19 लाख 86 हजार 903 लोगों की मौत हो चुकी है. इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका है.