क्योटो (जापान): कोरोना वायरस (Coronavirus) का ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) अति संक्रामक है और इसने कम समय में तेजी से दुनियाभर में करोड़ों लोगों को संक्रमित कर दिया. जापान में हुई स्टडी में इस बात का पता चला है कि आखिर क्यों यह वेरिएंट इतनी तेजी से फैलता है. क्योटो स्थित प्रीफेक्टुरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस के सभी वेरिएंट्स की पर्यावरण की विभिन्नताओं से जुड़ी स्थिरता को लेकर अध्ययन किया है और कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे हैं.
हालांकि इस स्टडी को पब्लिश करने से पहले इसकी समीक्षा की जाना बाकी है. इस अध्ययन में यह पाया गया कि कोरोना वायरस के बेसिक स्ट्रेन की तुलना में अल्फा, बीटा, डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट सर्वाइवल टाइम दो गुना से ज्यादा है और ये वेरिएंट्स लंबे समय तक त्वचा और प्लास्टिक की सतह पर जिंदा रह सकते हैं.
स्टडी में इस बात का पता चला है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट की इंवॉरमेंटल स्टेबिलिटी अन्य वेरिएंट्स की तुलना में सबसे अधिक है. इस वजह से ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा और अन्य वेरिएंट्स की तुलना में तेजी से फैलता है और लोगों को संक्रमित करता है. इस अध्ययन में बताया गया कि प्लास्टिक की सतह पर कोरोना वायरस के बेसिक स्ट्रेन और अल्फा, बीटा, गामा व डेल्टा वेरिएंट का एवरेज सर्वाइवल टाइम 56 घंटे, 19.3 घंटे, 156.6 घंटे, 59.3 घंटे और 114 घंटे है. लेकिन ओमिक्रॉन वेरिएंट 193.5 घंटे तक जिंदा रह सकता है.
वहीं त्वचा के सैंपल पर कोरोना वायरस के ओरिजिनल वर्जन का सर्वाइवल टाइम 8.6 घंटे, अल्फा (19.6 घंटे), बीटा (19.1 घंटे), गामा (11 घंटे) और डेल्टा के लिए 16.8 घंटे जबकि ओमिक्रॉन वेरिएंट के लिए 21.1 घंटे है.
हालांकि अल्फा, बीटा, डेल्टा, और ओमिक्रॉन वेरिएंट की इंवॉरमेंटल स्टेबिलिटी के जवाब में इथेनॉल रेजिस्टेनश में मामूली वृद्धि देखने को मिली है. इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता के उपायों पर अधिक जोर देने को कहा है.
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