सत्ता में आने पर पाकिस्तान को भाई की तरह मानेंगे: अफगान तालिबान
मुजाहिद ने कहा कि 2001 में अमेरिका के आक्रमण करने से पहले तालिबान ने उससे युद्ध के बजाय बातचीत करने का आग्रह किया था लेकिन उस समय वे बातचीत के लिए तैयार नहीं थे.
News18Hindi
Updated: February 11, 2019, 5:36 AM IST
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तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि अगर वे कभी अफगानिस्तान में सत्ता में आते हैं तो वे पाकिस्तान के साथ भाई और पड़ोसी जैसा व्यवहार करेंगे और आपसी सम्मान के आधार पर बड़े स्तर पर मजबूत संबंध चाहेंगे.
'डॉन न्यूज' को दिए गए एक इंटरव्यू में तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि सोवियत आक्रमण के दौरान अफगान शरणार्थियों के लिए पाकिस्तान सबसे महत्वपूर्ण पनाहगाह बना था और यहां तक कि इसे अफगानिस्तान के लोग दूसरे घर के तौर पर मानते हैं.
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इंटरव्यू में मुजाहिद ने अमेरिका के साथ वार्ता के बारे में भी जिक्र किया और जोर देकर कहा कि वाशिंगटन के साथ तालिबान अपनी पहल पर वार्ता कर रहा है. तालिबान प्रवक्ता ने यह भी बताया कि इस बातचीत में किसी बाहरी देश ने हस्तक्षेप नहीं किया है.मुजाहिद ने कहा कि 2001 में अमेरिका के आक्रमण करने से पहले तालिबान ने उससे युद्ध के बजाय बातचीत करने का आग्रह किया था लेकिन उस समय वे बातचीत के लिए तैयार नहीं थे.
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तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि चल रही वार्ता के बावजूद, समूह अभी तक किसी भी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंचा है जिसके चलते दुश्मनी खत्म हो जाए.उन्होंने कहा कि तालिबान ने एक 'इस्लामिक समाज' की कल्पना की और अधिकारों का एक ढांचा तैयार करना चाहता था जो इस्लामी सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं करता है और सभी पुरुष और महिला सदस्यों के लिए मान्य है.
(IANS इनपुट के साथ)
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'डॉन न्यूज' को दिए गए एक इंटरव्यू में तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि सोवियत आक्रमण के दौरान अफगान शरणार्थियों के लिए पाकिस्तान सबसे महत्वपूर्ण पनाहगाह बना था और यहां तक कि इसे अफगानिस्तान के लोग दूसरे घर के तौर पर मानते हैं.
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इंटरव्यू में मुजाहिद ने अमेरिका के साथ वार्ता के बारे में भी जिक्र किया और जोर देकर कहा कि वाशिंगटन के साथ तालिबान अपनी पहल पर वार्ता कर रहा है. तालिबान प्रवक्ता ने यह भी बताया कि इस बातचीत में किसी बाहरी देश ने हस्तक्षेप नहीं किया है.मुजाहिद ने कहा कि 2001 में अमेरिका के आक्रमण करने से पहले तालिबान ने उससे युद्ध के बजाय बातचीत करने का आग्रह किया था लेकिन उस समय वे बातचीत के लिए तैयार नहीं थे.
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तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि चल रही वार्ता के बावजूद, समूह अभी तक किसी भी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंचा है जिसके चलते दुश्मनी खत्म हो जाए.
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(IANS इनपुट के साथ)
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