बर्लिन. कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते बंद पड़ी दुनिया की सबसे बड़ी कार कंपनी (Car Company) फॉक्सवैगन (Volkswagen) दोबारा से शुरू हुई है. कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लागू शटडाउन में कार कंपनी को 36 दिनों तक बंद रहना पड़ा. कंपनी के 82 वर्षों के इतिहास में ये पहला मौका था, जब इतने समय के लिए कार का उत्पादन बंद रहा.
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक फॉक्सवैगन कार कंपनी दोबारा उत्पादन शुरू करने के साथ ही अपने प्लांट्स में 100 नए बदलाव लेकर आई है. कंपनी को दोबारा बिजनेस शुरू करने के साथ ही अपने कर्मचारियों की सेहत का खयाल भी रखना है. हजारों वर्कर्स इसके यूनिट में काम करते हैं. महामारी के बावजूद कार उत्पादन जारी रखना कंपनी के लिए बड़ी चुनौती है.
अब तक 4.5 करोड़ कारें बना चुकी है कंपनी
फॉक्सवैगन के वर्कर्स के प्रतिनिधि बर्न्ड ऑस्टेरलोह ने कहा है कि हमने इसके पहले इस हालात में कारों का उत्पादन और उसकी बिक्री नहीं की है. कंपनी का कार प्लांट जर्मनी के वुल्फ्सबर्ग में स्थित है. कंपनी की यूनिट को मानव इंजीनियरिंग का अद्वितीय उदाहरण बताया जाता है. यूरोप के 200 मील में फैले कैनाल के किनारे कंपनी की यूनिट स्थित है.
फॉक्सवैगन की शुरुआत 1938 में हुई थी. अभी भी वुल्फ्सबर्ग में ग्रुप का हेडक्वार्टर मौजूद है. 1945 से कार कंपनी 4 करोड़ 50 लाख कारें बना चुकी हैं. इसी कार कंपनी ने यहां अपना सबसे मशहूर ब्रांड बीटल तीन दशकों तक बनाया. फिलहाल कार कंपनी अपने सबसे ज्यादा बिकने वाले मॉडल VW गोल्फ सीरीज और टिगुआन बना रही है.
19 मार्च से बंद पड़ी थी कार कंपनी
कार कंपनी के प्लांट को 19 मार्च को यूरोप में कोरोना का संक्रमण फैलने की वजह से बंद किया गया था. लॉकडाउन के लागू होने और बॉर्डर के सील होने के बाद कार कंपनी को अपना उत्पादन बंद करना पड़ा था. कार कंपनी को शुरू करने के साथ ही यूरोप की अर्थव्यवस्था में फिर से तेजी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. यूरोप के कार सेक्टर में करीब 1 करोड़ 40 लाख लोग काम करते हैं. कारों के उत्पादन को दोबारा शुरू करने से लोगों की नौकरी बची रहेगी और अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी.
कार कंपनी की यूनिट करीब 6.5 मिलियन वर्ग मीटर में फैली है. पिछले साल फॉक्सवैगन ने करीब 7 लाख कारों का उत्पादन किया था. यूनिट में हर दिन करीब 3500 कारें बन रही थीं. इस यूनिट में करीब 63 हजार लोग काम करते हैं. ये इस शहर की करीब आधी आबादी के बराबर है. फॉक्सवैगन अपनी कारों को करीब 71 देशों को निर्यात करती है. इससे करीब 2600 कंपनियां जुड़ी हुई हैं. कोरोना वायरस के चलते इन सबका काम प्रभावित हुआ था.
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Tags: Car, Coronavirus, Germany, Volkswagen Polo
FIRST PUBLISHED : April 28, 2020, 17:40 IST