कुछ ऐसे नॉवेल और कुछ ऐसी कहानियां होती हैं, जो लोगों को इतनी पसंद आती हैं कि पीढ़ियों तक लोग इन्हें याद करते रहते हैं. कुछ ऐसी ही सबसे ज्यादा पसंदीदा कहानियों में शुमार हैं मालगुडी गांव की वो कहानियां, जो आज भी मासूम, प्यारी और अपनी लगती हैं. ऐसी ही कहानियों को साकार करता हुआ एक रेलवे स्टेशन है अर्सासलु रेलवे स्टेशन, जिसका नाम ही साल 2019 में मालगुडी रेलवे स्टेशन रख दिया गया.
यूं तो मालगुडी कोई सचमुच की जगह नहीं थी, बल्कि ये उपन्यासकार आरके नारायण की कल्पनाओं का एक छोटा सा गांव था. इस गांव की तमाम कहानियां उन्होंने अपने उपन्यास Malgudi Days में लिखीं. 80 और 90 के दशक में ये कहानियां और ये गांव लोगों के मन में घर कर गया. सालों ने लोगों ने इसे पढ़ा और भी टीवी पर देखा.
शिवामोगा-तालागुप्पा रेलवे लाइन पर पड़ने वाले होसानागढ़ तालुका में एक प्यारा सा म्यूजियम भी मालगुडी डेज़ की कल्पना को ज़मीन पर लाने के लिए बनाया गया. ये ठीक वैसा ही है, जैसा मालगुडी डेज़ में लिखा गया और फिर टीवी पर पेश किया गया. ये जगह इस टीवी शो को डायरेक्ट करने वाले एक्टर शंकर नाग को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाई गई.
3 साल से बनकर तैयार हो चुकी इस जगह को महामारी के बाद नए सिरे से लोगों के लिए खोला गया है. लोग यहां आकर उस सुकून को महसूस कर सकते हैं, जो उन्हें इस सीरियल को देखकर या उपन्यास को पढ़कर महसूस होता था. यहां मालगुडी जेड़ नाम का एक कैफे भी है. भारतीय रेलवे मंत्रालय की ओर से इस प्यारी सी जगह की कुछ तस्वीरें फेसबुक पर शेयर की गई हैं.
पुराने अर्सालु रेलवे स्टेशन को मालगुडी म्यूज़िम में तब्दील करने के प्रोजेक्ट में कुल 35 लाख रुपये लगे हैं. रेलवे स्टेशन के पुराने हिस्से का आर्किटेक्चर बदले बिना इसे लोगों के लिए खोल दिया गया है. यहां हज़ारों लोग आ चुके हैं और मालगुडी डेज़ से जुड़ी अपनी यादें ताज़ा कर चुके हैं. ( All Photos Credit- Facebook/Ministry of Railways, Government of India)
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