मौत से ठीक पहले अंग एक-एक कर काम करना बंद कर देते हैं. सबसे पहले श्वास प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ता है. उसके बंद होते ही दिल धड़कना बंद कर देता है. अगले पांच मिनट में शरीर के अंदर ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है और कोशिकाएं मरने लगती हैं. इस स्थिति को 'प्वाइंट ऑफ नो रिटर्न' कहते हैं. इसके बाद बॉडी का टेम्परेचर हर घंटे 1.5 डिग्री कम होता जाता है.
शोध बताते हैं कि मौत के बाद हमारी जींस ज़िंदा रहती है. जानकारी के मुताबिक डीएनए मृत्यु के बाद ही ज्यादा एक्टिव होता है और अधिक मात्रा में प्रोटींस बनाने लगता है. इतने ही नहीं इंसान के शरीर में पाचन क्रिया भी चलती रहती है. अमीनो एसिड की वजह से शरीर से दुर्गंध भी आ सकती है, यही वजह है कि नाक और मुंह को रुई से ढंका जाता है.
येल यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च कहती है कि मरने के बाद भी नर्वस सिस्टम अपना काम बंद करने में अच्छा वक्त लेता है. यही वजह है कि शरीर कई बार फड़कता हुआ या हरकतें करता हुआ दिखता है. मांसपेशियां जकड़ जाती हैं लेकिन इनमें कई बार वैसी हरकत होती है, जैसी ज़िंदा होने के वक्त होती थी. (All Photos Credit- Shutterstock)
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