कहते हैं कि एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है. तस्वीरों की अपनी जुबान होती है. तस्वीरें देख तो हर कोई लेता है मगर उसे वही पढ़ सकता है जिसे भावनाएं पढ़ना आता हो. इन दिनों एक तस्वीर को लेकर काफी विवाद चल रहा है. (तस्वीर: इंस्टाग्राम/salma.elshimy.officiall, हिस्ट्री टीवी)
दरअसल, मिस्त्र के पिरामिड के सामने एक मॉडल ने तस्वीरें खिंचवाई हैं जिसे वहां के प्रशासन ने भड़काऊ करार देते हुए मॉडल और फोटोग्राफर को गिरफ्तार कर लिया. बाद में उन्हें बेल पर छोड़ा गया. मॉडल का नाम सलमा-अल-शिमी है.
देखा जाए तो इतिहास में ऐसी कई तस्वीरें दुनियाभर में खींची गईं जो काफी चर्चित हैं. कई ऐसी भी तस्वीरें थीं जो यादगार बन गईं. और कई तस्वीरें यादगार तो बनीं मगर उनपर विवाद भी काफी हुआ. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इन तस्वीरों पर चर्चा भी हुई. आज हम आपको बता रहे हैं इतिहास की उन्हीं तस्वीरों के बारे में. (तस्वीर: इंस्टाग्राम/salma.elshimy.officiall)
भुखमरी के शिकार बच्चे और गिद्ध की तस्वीर - केविन कार्टर (1993)
केविन कार्टर एक साउथ अफ्रीकन फोटोग्राफर थे जिन्होंने ये तस्वीर साल 1993 में खींची थी. ये तस्वीर सुडान की है जहां उस वक्त ऐसा अकाल और सूखा फैला था कि लोग भुखमरी का शिकार हो रहे थे. कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. तस्वीर में भूख से तड़पता, बेहद कमजोर नजर आ रहा है. तस्वीर में बच्चे के पीछे एक गिद्ध बैठा दिख रहा है जो बच्चे मरने का इंतजार कर रहा है जिससे वो उसे खा सके. इस तस्वीर ने केविन को पुलित्जर पुरस्कार भी दिलवाया था और न्यू यॉर्क टाइम्ज ने इसे प्रकाशित भी किया था. उसके बाद इस तस्वीर को दुनियाभर के अखबारों और पत्रिकाओं ने प्रकाशित किया था. इस तस्वीर के कारण लोगों में फोटोग्राफर के प्रति काफी गुस्सा था. उनका कहना था कि केविन ने बच्चे को बचाया क्यों नहीं. लोगों की आलोचना सुनते-सुनते केविन ट्रॉमा में चले गए और कुछ महीने बाद उन्होंने अपनी ही जान ले ली. (फोटो: expertphotography.com)
द फॉलिंग सोल्जर - रॉबर्ट कैपा (1936)
रॉबर्ट कैपा मशहूर वॉर फोटोग्राफर और फोटोजर्नलिस्ट थे. उनकी ये तस्वीर काफी फेमस है मगर इसपर भी विवाद छिड़ गया था. ये तस्वीर स्पैनिश सिविल वॉर की है जिसमें एक सैनिक को सिर पर गोली लगी थी और उसके हाथ से उसकी बंदूक गिरने लगी थी. रॉबर्ट का ये शॉट हैरान करने वाला था मगर इसपर विवाद इसलिए शुरु हुआ क्योंकि कई लोगों का कहना था कि ये तस्वीर बनाई हुई है यानी तस्वीर स्टेज्ड है. रॉबर्ट ने तस्वीर को खींचने का तरीका भी बताया था मगर कई लोगों ने नहीं माना कि तस्वीर असली है. (फोटो: expertphotography.com)
वियतनाम युद्ध की तस्वीर - निक उट (1972) वियतनाम युद्ध की इस तस्वीर ने युद्ध की असलीयत दुनिया के सामने रखी थी. निक उट तस्वीर खींच रहे थे. निक ने नापाम बम हमले के बाद, चिल्लाते हुए सड़क पर भागती 9 साल की लड़की की तस्वीर खींची थी. तस्वीर में पीछे तबाही का मंजर देखा जा सकता है. इस तस्वीर को पुलित्सर पुरस्कार मिला था.
एलन कुर्दी - निलोफर डेमीर (2015)
2 सितंबर 2015 को दुनिया भर में एक तस्वीर ने तहलका मचा दिया था. तुर्की के समुद्री तट पर एक सीरियाई बच्चे का शव बहता हुआ पहुंचा था, जिसने सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध का सबसे भयावह चेहरा दुनिया के सामने रखा था. एलन कुर्दी नाम के तीन साल बच्चे की ये फोटो सीरिया में चल रही तबाही का चेहरा बन गई. एलन कुर्दी उन करोड़ों लोगों में से एक था, जो सीरिया के भयानक गृह युद्ध से जान बचाने के लिए देश छोड़कर भाग रहे थे. पूरा परिवार 12 अन्य लोगों के साथ जंग से जूझ रहे सीरिया से निकलकर यूरोप जा रहा था. नाव समुद्र में पलट गई और लहरों के थपेड़े से उनके निर्जीव शरीर किनारे तक पहुंचे. बाद में इस पर द बॉय ऑन द बीच नाम की किताब भी लिखी गई थी. (फोटो: expertphotography.com)
सोमालिया में अकाल - जेम्स नैशवे (1992)
जेम्स की इस तस्वीर ने सोमालिया का सच दिखाया था. इस तस्वीर में एक महिला, जो इतनी कमजोर है कि उठ भी नहीं सकती, खाना मांगने के लिए हाथ बढ़ा रही है. इस तस्वीर को न्यूयॉर्क टाइम्स ने प्रकाशित किया था. (फोटो: expertphotography.com)
9/11 अमेरिका की तस्वीर - थॉमस हॉप्कर (2001)
थॉमस की इस तस्वीर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले को दर्शाया था. इस तस्वीर में हैरान करने वाली बात ये थी कि इस तस्वीर में सामने दिख रहे लोगों का हावभाव बिल्कुल अलग था. तस्वीर में पीछे बिल्डिंग दिख रही है वहीं सामने बैठे लोग ऐसे बैठे हैं जैसे उन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा है. जब ये तस्वीर अखबारों में छपी तो इस ग्रुप में से एक व्यक्ति ने सामने आकर बताया था कि वो सब इतने शॉक में थे कि कोई हरकत नहीं कर सके थे. (फोटो: expertphotography.com)
बर्मिंघम, अलाबामा - चार्ल्स मोर (1963)
अलाबामा के बर्मिंघम में अश्वेत लोगों के साथ बहुत भेद-भाव किया जाता था. इस तस्वीर में चार्ल्स ने ये साफ दर्शाने की कोशिश की थी. लाइफ मैग्जीन ने इस तस्वीर को प्रकाशित किया था. इस तस्वीर के पब्लिश होने के एक साल बाद सिविल राइट्स एक्ट पास किया गया था. (फोटो: expertphotography.com)
चेकपॉइंट पर ईराकी गर्ल - क्रिस होंडोरस (2005)
2005 में इराक युद्ध के दौरान इस तस्वीर को क्रिस ने क्लिक किया था. अमेरिकी सिपाहियों ने सोचा की ये बच्ची और इसके परिवार वाले इराकी जिहादी हैं इसलिए उन्होंने गाड़ी पर गोली चलाना शुरु कर दिया. इस तस्वीर के सामने आने के बाद अमेरिका ने अपने चेकपॉइंट प्रोसीजर में बदलाव किया था. (फोटो: expertphotography.com)
सी क्विएरो - गोनजालो ऑरक्विन (2013)
गोनजालो ने एक फोटो सीरिज को क्लिक किया जिसमें उन्होंने रोमन कैथोलिक चर्च में गे और लेस्बियन कपल को किस करते हुए दिखाया. इन तस्वीरों को रोम में एक प्रदर्शनी में दिखाया जाना था मगर वैटिकन सिटी के अधिकारियों ने फोटोग्राफर को एक लेटर भेजकर मना किया कि वो ये तस्वीर कहीं ना दिखाएं नहीं तो उनके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाएगा. (फोटो: expertphotography.com)
बोस्निया - रॉन हैविव (1992)
बोस्निया में एक युद्ध के दौरान रॉन ने ये तस्वीर खींची थी. वहां के सुरक्षाकर्मियों ने रॉन को फोटो खींचने की अनुमति दे दी थी लेकिन रॉन को कहा गया था कि वो सिर्फ पॉजिटिव तस्वीरें ही खींचे. मगर रॉन के सामने जब ऐसा कुछ घट रहा था तब रॉन उसे कैमरे में कैद करने से नहीं रोक पाए. रॉन की इस तस्वीर ने सर्बियन सुरक्षाकर्मियों द्वारा बोस्निया के मुस्लमानों पर हो रहे अत्याचार को दिखाया. (फोटो: expertphotography.com)
अमेरिकन सिविल वॉर की तस्वीर - एलेक्सैंडर गार्डनर (1862)
अमेरिकन सिविल वॉर के दौरान मारे गए जवानों की तस्वीर को एलेक्सैंडर गार्डनर ने खींचा था. इन तस्वीरों को देखकर लोग काफी हैरान हुए थे. (फोटो: History.com)
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