अमेरिकन कंपनी एस्टन मार्टिन का नाम किसने नहीं सुना. इंडिया में इस कंपनी की कार इंपोर्ट करने पर इसकी कीमत कभी कराड़ाें में पड़ती थी. क्या आपने सोचा कि ये कैसा नाम हुआ एस्टन मार्टिन, क्या ये किसी व्यक्ति का नाम है. जी बिल्कुल ऐसा ही है. एस्टन और मार्टिन ये दो लोगों का नाम है. दरअसल 1914 में लियोनेल मार्टिन और एस्टन हिल ने एस्टन मार्टिन कंपनी की स्थापना की थी और दोनों ने अपने ही नामों पर कंपनी का नाम भी रखा था.
वैसे तो फरारी की कहानी लगभग सभी लोग जानते हैं. अपनी स्पीड, लुक्स और लग्जरी के लिए अलग पहचान रखने वाली फरारी की स्थापना ही एक रेस कार ड्राइवर ने की थी. जाने माने एफ1 रेसर एनजो फरारी ने 1939 में एक कार कंपनी की स्थापना करने के लिए रेसिंग छोड़ दी थी और तब उन्होंने अपने ही नाम से इस फ्रांसीसी कंपनी फरारी की स्थापना की.
दुनिया भर में लग्जरी कार का नाम लेने पर पहला खयाल केवल एक ही आता है और वो है रोल्स रॉयस, महाराजाओं जैसी लग्जरी और सुपर सेफ इन कारों की कीमत करोड़ाें में होती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये कैसा अजीब नाम है रोल्स रॉयस और इसका क्या मतलब है. दरअसल ये नाम भी इस कंपनी के संस्थापकों हेनरी रॉयस और चार्ल्स रोल्स पर है.
जर्मन कंपनी बीएमडब्ल्यू का पूरा नाम शायद ही किसी को पता होगा. इसके नाम के पीछे भी लंबा चौड़ा इतिहास है. दरअसल पहले ये कंपनी एयरो प्लेन का निर्माण और मरम्मत का काम किया करती थी. उस समय इस कंपनी का नाम बायरिशे फ्लूग सॉएग वेर्के था यानि बवेरियन एयरप्लेन वर्क्स तब इसे BAW के नाम से दुनिया भर में जाना जाता था. बाद में इस कंपनी ने कारों के निर्माण में कदम रखा और इसका नाम बदल कर बायरिशे मोटोरेन वर्के यानि बवेरियन मोटर वर्क्स कर दिया गया, जिसे आज दुनिया भर में BMW के नाम से जाना जाता है.
इन दिनों इंडिया में भी डैटसन कंपनी की गाड़ियां काफी पॉपुलर हैं. हालांकि इस कंपनी का नाम भी पहले डैटसन नहीं था, इसे डैट के नाम से जाना जाता था. ये भी अपने संस्थापकों के नाम से ही निकला हुआ नाम था. इस कार कंपनी को तीन लोगों ने शुरू किया था, केंजिरो डेन, रोकोरू आओयामा और मेइतारो टाकेची, इन्हीं तीनों के नाम पर इसक कंपनी का नाम डैट रखा गया. बाद में इस कंपनी को निसान ने खरीदा और डैट के साथ ही निसान का न जोड़ दिया गया. यानि ये हो गई डैटसन.
1911 में अमेरिका में एक ऐसी कंपनी ने जन्म लिया जिसने उस दौरान ऑटोमोबाइल सेक्टर के दिग्गजों को हिला दिया. कई कंपनियां इसके आने के बाद दिवालिया होकर बंद हो गईं. ये कंपनी थी शेवरले, हालांकि इस कंपनी का नाम भी वैसे ही पड़ा जैसे बाकि अन्य कंपनियों का. इस कंपनी के सह संस्थापक लुई शेवरले के नाम पर ही इस कंपनी का नाम भी पड़ा.
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