पंजाब के अमृतसर में रावण दहन के दौरान हुए हादसे में रेल से कटकर कई लोगों की मौत हो गई लेकिन इस हादसे के बाद भी लोग जान बूझ कर मौत के मुंह में जाने का प्रयास कर रहे हैं. बिहार के कई इलाके ऐसे हैं जहां रोजाना रेल ट्रैक पर मंडी लगती है और लोग बेपरवाह होकर सामानों की खरीद बिक्री करते हैं. ऐसा ही नजारा दिखा है अररिया में जहां रेल ट्रैक पर ही मौत का बाजार लगता है. इन्हें पता है कि अमृतसर में जोड़ा फाटक के पास तनिक सी लापरवाही ने 61 लोगों की जान ले ली लेकिन ये फिर भी पटरी को ठिकाना बनाए रखना चाहते हैं. प्रशासन भी कोई सबक नहीं ले रहा है.
<br />अमृतसर में रेल हादसे के बाद पटरी पर दौड़ती ट्रेन से हमें और आपको भले अब डर लगने लगा हो लेकिन अररिया में रेलवे विभाग को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा है. यहां फारबिसगंज रेलवे स्टेशन के समीप पटरी से बिलकुल सटे ही फुलवरिया हाट बाज़ार लगता है.
रेल की पटरी पर सरपट दौड़ती ट्रेन के बीच यहां कई वर्षों से बाजार लगता आया है लेकिन रेलवे की उदासीनता और आमलोगों में जागरूकता की कमी की वजह से यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. दुकानदार और आमलोग जान जोखिम में डाल यहां खरीददारी करने आते हैं.
बता दें कि इसी रेलवे ट्रैक पर पिछले 19 सितम्बर को एक सब्जी बेचने वाली महिला की ट्रेन से कटकर दर्दनाक मौत हो गयी थी. यहां दुकान लगाए हुए दुकानदार मुकेश राय, मुनि मुरिक और मेरुद्दीन ने बताया कि हमलोग गरीब आदमी है बाज़ार में दुकान के लिए जगह लेने की औकात हमलोगों में नहीं है.
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