बिहार में हर साल बाढ़ का क़हर रहता है, इस बार भी है. बाढ़ की रिपोर्टिंग के दौरान हमारे सामने कुछ ऐसे कुछ तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं जो वाकई में दिल को झकझोर कर रख देने वाली है. इसे देखकर हम यह सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि क्या वाकई हम 21वीं सदी में जी रहे हैं या देश के कुछ ऐसे हिस्से भी हैं जो आज भी आदिम युग में जी रहा है. बाढ़ की विभीषिका के बीच भागलपुर से आई तस्वीरें इसी कड़वे सच को बयां कर रही हैं.
भागलपुर में गंगा नदी का क़हर लगातार जारी है. फरक्का बराज के फाटक खोल दिए जाने के बाद गंगा के जलस्तर में कमी आ रही है, लेकिन इससे लोगों की दुश्वारियां कम नहीं हो रहीं.
प्रभावित लोगों का कहना है कि राहत बांटने वाले अधिकारी और सामाजिक संस्थाएं भी मुख्य धारा के बाढ़ पीड़ितों को सहायता पहुंचा रहे हैं, लेकिन पेड़ों की टहनियों पर जीवन गुजार रहे कोई इनकी सुध कोई नहीं ले रहा.
सबौर प्रखंड के घोषपुर पंचायत के बगड़ेर गांव में 150 की संख्या में बाढ़ पीड़ित लगातार जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. आम के बगीचे में पानी से घिरे लोग पेड़ों पर अपना आशियाना बनाए हुए हैं.
बाढ़ की विभिषिका के साथ जिंदगी की जंग से जूझ रहे लोगों के पास अब तक इनके पास न तो कोई मीडिया पहुंचा और न ही राहत सामग्री के साथ प्रशासन का कोई अधिकारी.
बाढ़ में फंसे इन लोगों के बीच सबसे पहले न्यूज़ 18 की टीम पहुंची और पेड़ के डाल पर मचान बनाकर परिवार के साथ रह रहे इन बाढ़ पीड़ितों का जायजा लिया.
पेड़ पर आशियाना बनाकर रह रहे ग्रामीणों ने कहा कि वो पिछले 15 दिन से पेड़ की शाखाओं पर शरण लिये हुए हैं और किसी तरह भुंजा और सत्तू खाकर जी रहे हैं.
जाहिर है सरकार के तमाम दावों के बावजूद हजारों ऐसे लोग बाढ़ के पानी में घिरे हुए हैं जिनके पास किसी तरह की कोई सरकारी सहायता नहीं पहुंच रही है. हालांकि न्यूज़ 18 अपनी जिम्मेदारियों से अवगत है और इन प्रभावितों की खबर सरकार और प्रशासन तक पहुंचाने की कोशिश में लगा है.
बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में किस दिन होंगे चुनाव, एक क्लिक में जानें
PHOTOS : रामपथ रामायण एक्सप्रेस ट्रेन अपने सफर पर रवाना, इन तीर्थस्थलों की कराएगी सैर
Vijay Hazare Trophy 2021: क्रुणाल पंड्या ने ठोका दूसरा शतक, छठे नंबर पर उतरकर की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी
भारत बंद का दिख रहा मिलाजुला असर, सड़कें दिखी खाली, देखें PICS