प्रकृति से प्रेम करने वाले लोगों ने अपनी समझ और जुनून के बल पर दुनिया को कई नायाब तोहफे दिए हैं. बिहार में गया के रहने वाले पेशे से वकील जावेद युसूफ भी ऐसे ही शख्स हैं. जावेद युसूफ ने अपनी नायाब कला को प्रदर्शित किया है. इन्होंने पेड़ों की टहनियों से मानव और पशु-पक्षियों की आकृति को पहचान कर उन्हें प्राकृतिक रूप में संजोकर रखा है. जावेद यूसुफ ड्रिफ्ट वुड आर्ट के कलाकार हैं.
देश के कई राज्यों में इनकी आकृतियों को प्रदर्शित किया गया है. वे बताते हैं कि बचपन में उन्हें एक लकड़ी मिली थी, उन्होंने उसको साफ किया तो वो ढहे हुए किले जैसी प्रतीत होनो लगी. जब उन्होंने अपने पिता को दिखाया तो उन्होंने बताया कि ये एक कला है और इस कला को ड्रिफ्ट वुड आर्ट कहते हैं. तब से ये सिलसिला शुरू हो गया.
जावेद बताते हैं कि जब कभी भी फुर्सत मिलती है वो भारत के जंगलों में आकृति को ढूंढने निकल जाते हैं,. असम, बंगाल, बिहार के जंगलों में अक्सर जाया करते हैं. पेड़ों की टहनियों से जो आकृति मिलती है उसमें बिना छेड़छाड़ किए उसी शेप में उसको संजोकर रखते हैं. इन्होंने पेड़ों की टहनियों से मानव और पशु-पक्षियों की आकृति को पहचानकर उन्हें प्राकृतिक रूप में संजोकर रखा है.
जावेद यूसुफ की कोई संतान नहीं है, इस कमी को वह इस कला से पूरा करते हैं. कचहरी से फुर्सत मिलते ही जंगलों में निकल जाते हैं और कई रातों तक जंगलों में रहते हैं. शाह जावेद की जमा की गई आकृतियों की प्रदर्शनी भारत के कई राज्यों में लग चुकी है, हाल में दिल्ली में भी लगी थी, जहां लोगों ने इस कला और आकृति को खूब सराहा था.
उन्होंने नदी के धराओ के किनारे पड़े लकड़ियों, पेड़ों के तनों और टहनियों से मानव आकृति को पहचान कर उसे बिना छेड़छाड़ किए प्राकृतिक आकर में ही संजोकर रखा है. युसूफ अब तक 600 आकृतियां जमा कर चुके हैं. जावेद यूसुफ बताते है कि उन्होंने अपनी कला को प्रदर्शित करने के लिए ना ही हाथ की कला की जरूरत पड़ती है ना ही रंगों की. वो अपनी निगाहों से पेड़ को देखकर उसमें से खास आकृति को पहचान लेते हैं. निगाहों की पहचान उनका शौक बन गई है.
मानव आकृति में उन्होंने कई कैप्शन दिया, जैसे खड़ी लड़की को फैशन से जोड़ा है, आदिवासी लड़की को भूख से जोड़ा है, लड़की डांस कर रही है, जानवरों को चलते हुए, दो मनु्ष्य आपस में बात करते हुए जैसे कई आकृतियां हैं. हालांकि उन्हें कसक है कि बिहार सरकार और जिला प्रशासन ने आज तक उनकी आकृतियों को बोधगया की प्रदर्शनी में जगह नहीं दी.
33 साल बाद, रीना रॉय से तलाक पर मोहसिन खान ने तोड़ी चुप्पी, किए चौंका देने वाले खुलासे
PHOTOS: ब्रिटिश उच्चायोग के बाहर सिख समुदाय के लोगों ने जमकर किया विरोध, लंदन में तिरंगे के अपमान पर जताई नाराजगी
1 मैच से बदलेगी सूर्यकुमार यादव की किस्मत, खेलनी होगी बड़ी पारी, कोच और कप्तान हैं साथ!
1 दिन की कमाई लाखों में, पूरी दुनिया मानती है इनकी प्रतिभा का लोहा, अंग्रेज भी मुंह मांगी तनख्वाह देने को तैयार