1970 से सक्रिय रूप से राजनीति में रहने वाले समाजवादी नेता और बिहार सरकार में कई बार मंत्री रह चुके नरेंद्र सिंह का निधन सोमवार को पटना के एक निजी नर्सिंग होम में हो गया. उनके निधन से बिहार के सियासी गलियारे में शोक की लहर है. जमुई जिले के रहने वाले पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की सरकार में कई बार मंत्री पद पर रह चुके थे. पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के निधन पर उनके पैतृक स्थान जमुई जिले में भी शोक की लहर है.
बताते चलें कि बीते कई दिनों से लीवर की परेशानी को लेकर नरेंद्र सिंह बीमार चल रहे थे जिनका ऑपरेशन दिल्ली में हुआ था. बाद में उन्हें पटना के एक निजी क्लीनिक में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था ऑपरेशन और फिर इलाज के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो रही थी और अंततः सोमवार की सुबह उनके निधन की खबर लोगों को मिली.
नरेंद्र सिंह 1974 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हो रहे छात्र आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर शामिल हुए थे. तब नरेंद्र सिंह और लालू प्रसाद यादव की जोड़ी खूब चर्चा में रहा करती थी. बाद में वो चुनावी मैदान में उतरते हुए जमुई जिले के चकाई विधानसभा क्षेत्र से तीन बार और जमुई विधानसभा क्षेत्र से एक बार विधायक भी चुने गए. राजनीतिक जीवन में नरेंद्र सिंह वैसे भी शख्स थे जिन्होंने दो अलग-अलग विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ते हुए दोनों सीट से विजयी हुए थे.
नरेंद्र सिंह का चुनावी सफर अगर देखें तो 1985, 1990 और 2000 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने जमुई जिले की चकाई सीट पर चुनाव लड़ते हुए जीत हासिल की और विधायक बने थे. वर्ष 2000 के चुनाव में ही नरेंद्र सिंह जमुई जिले के चकाई और जमुई पर चुनाव लड़े थे, जिसमें दोनों सीटों पर उन्होंने सफलता पाई थी. बाद में उन्होंने जमुई सीट से इस्तीफा दिया था.
नरेंद्र सिंह लालू प्रसाद यादव की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली सरकार में कृषि मंत्री के अलावा और भी कई विभागों में मंत्री रह चुके थे. नरेंद्र सिंह की पहचान एक समाजवादी नेता के रूप में थी जिन्होंने कृषि मंत्री रहते हुए बिहार कृषि व्यवस्था में बहुत सारे बदलाव लाए थे. इस कारण बिहार सरकार को कृषि क्षेत्र में बेहतर करने के लिए सम्मानित भी किया गया था.
नरेंद्र सिंह ने लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान सीएम नीतीश कुमार से बगावत भी की थी. तब से वो लगातार नीतीश कुमार का विरोध करते आ रहे थे. बताते चलें कि 2005 में जब नीतीश कुमार की सरकार बनी थी तब रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के विधायकों को तोड़कर नीतीश कुमार को समर्थन नरेंद्र सिंह ने ही दिलवाया था और कहा जाता है कि उन्हीं की मदद से बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बनी थी. उस समय नरेंद्र सिंह लोक जनशक्ति पार्टी के बिहार प्रदेश के अध्यक्ष थे.
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