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PHOTOS: 'गोबर धन' से मॉडल बना बिहार का यह गांव! अब घर-घर पहुंच रहा ईंधन, बायो टूरिज्म के लिए यहां पहुंचिए

जमुई जिले का लक्ष्मीपुर प्रखंड के दोनहा गांव में गोबर धन योजना के तहत गोबर गैस से जहां घरों का चूल्हा जल रहा है, वहीं कचरा प्रबंधन और कचरे से जैविक खाद तैयार हो रहा है. बिहार का पहला गोबर धन बायो गैस प्लांट जो पर्यावरण संरक्षण के साथ लोगों को प्रकृति से जोड़ने के अभियान को आगे बढ़ा रहा है. यह अब आसपास के जिलों के लिए भी मॉडल बन गया है. (फोटो-केसी कुंदन)

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भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत दीनबंधु बायोगैस ग्रिड के साथ सभी तरह के गांवों के सभी तरह के कचरे को अलग कर उन्हें फिर से उपयोगी बनाने के लिए प्लांट लगाया गया है. एक परिसर में बायोगैस ग्रिड कचरा प्रबंधन का प्लांट और फिर कचरे इस्तेमाल करने योग्य बनाने की लगाई मशीन लोगों को आकर्षित कर रही है. साथ ही कचरे और गोबर से जैविक खाद बना जिला प्रशासन राजस्व भी कमा रही है.

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जानकारी के अनुसार, गोबर धन योजना से घरेलू गैस का उपयोग जहां लोग बायो गैस से भोजन बनाते हैं. यह योजना बिहार के दो जिलों में शुरू हुई है जिसमें जमुई पहला जिला बन चुका है. जमुई के हरला पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्थापित केंद्र बायो टूरिज्म के रूप में विकसित किया जा रहा है.

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बीते कुछ महीनों में जमुई जिला प्रशासन ने स्वच्छता के क्षेत्र के कई उपलब्धियां हासिल की है. जमुई में लगातार मिशन मोड में काम कर यहां शहर के बाद गांवों में भी कचरा निस्तारण प्रबंधन और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट की यूनिट लगायी गयी है. ग्रामीण इलाकों तक लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने को लेकर लगातार अभियान चलाया गया. इसका परिणाम यह हुआ कि जमुई जिला पूरे राज्य में कचरा निस्तारण एवं स्वच्छता प्रबंधन के क्षेत्र में उदाहरण बन गया है.

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जमुई जिला वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट के लिए मॉडल जिला बन गया है और अब बिहार के अन्य जिले जमुई से कचरा निस्तारण के गुर सीखने यहां आने लगे हैं. यही कारण है कि जमुई के सीमावर्ती जिलों से पहली टीम जमुई पहुंची. यह टीम 2 दिनों से जिले के विभिन्न क्षेत्र में घूम-घूम कर कचरा प्रबंधन के गुर सीख रही है.

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जमुई जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड के हरला पंचायत में 50 लाख की लागत से बिहार का पहला गोबर धन बायो गैस प्लांट लगाया गया है. गोबरधन प्लांट के साथ ही पंचायत में वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट भी लगायी गयी है. यहां पर आसपास के पंचायत के कचरे का निस्तारण किया जा रहा है. गोबर से गैस बनाने वाली इस प्लांट का उदघाटन समाधान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. यह यूनिट भी मॉडल बन गया है जहां गोबर से घरेलू गैस और जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है.

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अभी दोनहा गांव के 50 से जायदा घरों में गैस पाइपलाइन के सहारे घरेलू गैस की सप्लाई की जा रही है. प्रत्येक घर तक गैस सप्लाई कितनी हो रही है, इसके लिए मीटर भी लगा है. इसके आधार पर शुल्क लिया जाएगा. यही नहीं, इलाके के किसानों को जैविक खेती करने के लिए काफी कम कीमत पर जैविक खाद भी उपलब्ध हो रहा है.

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जिले के डीएम अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि हरला में वेस्ट मैनेजमेंट की इंटीग्रेटेड व्यवस्था की गई है. कचरे की छंटाई और निष्पादन के बाद गोबरधन योजना से जैविक खाद और घरों तक घरेलू गैस पहुंचाया जा रहा है. तीसरे चरण में प्लास्टिक कचरा मैनेजमेंट की यूनिट लगा दी गई है. ये एक अनोखा उदाहरण है जहां एक ही कैंपस में कचरा ममजमेंट की व्यवस्था की गई है, जिसे देखने के लिए आसपास के जिले के अधिकारी पहुंच रहे हैं

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    भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत दीनबंधु बायोगैस ग्रिड के साथ सभी तरह के गांवों के सभी तरह के कचरे को अलग कर उन्हें फिर से उपयोगी बनाने के लिए प्लांट लगाया गया है. एक परिसर में बायोगैस ग्रिड कचरा प्रबंधन का प्लांट और फिर कचरे इस्तेमाल करने योग्य बनाने की लगाई मशीन लोगों को आकर्षित कर रही है. साथ ही कचरे और गोबर से जैविक खाद बना जिला प्रशासन राजस्व भी कमा रही है.

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