लीफ आर्ट यानी पत्तियों पर कलाकारी. परंपरागत रूप से हम यही जानते हैं कि पत्तियों से पर्णहरित (क्लोरोफिल) हटाकर उसके रेशों पर पेंटिंग करने की कला लीफ आर्ट कहलाती है. लेकिन जमुई के दुष्यंत मिश्र हरे पत्तों पर सर्जिकल ब्लेड से कटिंग कर तस्वीरें बनाते हैं. जीवन यापन के लिए वे सिकंदरा प्रखंड के प्लस टू हाई स्कूल लछुआर में ललित कला शिक्षक की नौकरी करते हैं.
पत्तों पर कटिंग कर दुष्यंत ने सुखदेव, भगत सिंह और राजगुरु की तस्वीरें भी बनाई हैं. इन तस्वीरों को देखने का असल मजा तो तब है, जब आप पत्तों को अपने हाथ में लेकर आसमान की ओर उठाते हैं. पत्तों की कटी हुई जगहों से आसमान नजर आने लगता है और बनाई हुई आकृति भी उभर आती है. ऐसा लगता है कि दुष्यंत की पेंटिंग में आसमान ने रंग भर दिए.
दुष्यंत मिश्र ने पटना कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट से 5 साल का कोर्स किया है. फिर वह कला के नए आयाम तलाश रहे हैं. दुष्यंत की रचनात्मकता ने उनका ध्यान पत्तों की ओर खींचा और उन्होंने पत्तों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के चर्चित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर भी बना दी. दुष्यंत बताते हैं कि पत्तों पर कटिंग के लिए वे सर्जिकल ब्लेड का इस्तेमाल करते हैं.
दुष्यंत के बनाए चित्रों में भारत के संविधान निर्माता बाबा भीमराव आंबेडकर भी हैं, शिवाजी भी हैं, लता मंगेशकर भी और बॉलिवुड के महानायक अमिताभ बच्चन भी. वे इन तस्वीरों को बनाने के लिए बड़े पत्तों का इस्तेमाल करते हैं. वे बताते हैं कि पीपल, आम, कटहल या पलाश के पत्ते इस काम के लिए मुफीद होते हैं. सर्जिकल ब्लेड के इस्तेमाल से पहले वे पेन से इन पत्तों पर स्केच बनाया करते हैं.
दुष्यंत मिश्र जमुई शहर के विठलपुर के रहनेवाले हैं. वे बताते हैं कि बचपन से ही उन्हें पेंटिंग का शौक था. दुष्यंत के मुताबिक, कुछ दिन पहले ही उन्हें ख्याल आया कि जब कागज नहीं थे तो हमारे पुरखे आखिर कैसे पेंटिंग किया करते होंगे. पत्थरों और पत्तियों का ही तो सहारा था उन्हें. इस ख्याल ने मुझे रोमांचित कर दिया और बमुश्किल छह महीने पहले मैंने पत्तों पर काम करना शुरू किया.
दुष्यंत के पिता कहते हैं कि शुरू में तो ये कमरे में घंटों बंद रहकर पत्तियों के साथ काम करता था. उसकी इस बात से हमें बेहद परेशानी होती थी, लगता था जैसे अपना वक्त बर्बाद कर रहा है ये. लेकिन अब जब उसकी इस कला की शोहरत देखता हूं, तो खूब खुशी होती है. वे बताते हैं कि इस आर्ट को बढ़ावा देने के लिए दुष्यंत गांव के बच्चों को मुफ्त में इसकी ट्रेनिंग देते हैं.
कल्कि कोचलिन ने शूट पर जाने से पहले बेटी के लिए ब्रेस्ट मिल्क किया पंप, PIC देख बोले यूजर- 'स्ट्रॉन्ग मॉम'
'ये भी एक दौर है... वो भी एक दौर था..' गोल्डन हैट्रिक के बाद छलका भारतीय महिला पहलवान का दर्द
'रक्षा बंधन' Vs 'लाल सिंह चड्ढा': जानिए, एडवांस बुकिंग में कौन किस पर पड़ रहा भारी?
Sawan Somwar Mantra: कल है सावन का आखिरी सोमवार, भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए जरूर करें इन मंत्रों का जाप