कटिहार के सर्वोदय आश्रम गांधी घर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का एक अलग तरीके का जुड़ाव रहा है. सर्वोदय आश्रम गांधी घर के अध्यक्ष का दावा है कि यह एकमात्र भूकंप आधारित आर्ट म्यूजियम है.
राज्य सभा के पूर्व सांसद सह कटिहार कुर्सेला सर्वोदय आश्रम गांधी घर के अध्यक्ष नरेश यादव कहते हैं कि 15 जनवरी 1934 को बिहार के आठ जिलों ( मुंगेर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर पूर्णिया) जैसे जिले भूकंप से बुरी तरह प्रभावित हुये थे. इसी दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू सबसे प्रभावित जिला में से एक मुंगेर और बापू सबसे ज्यादा प्रभावित जिला पूर्णिया पहुंचे थे.
नौ अप्रैल को पूर्णिया के बाद 10 अप्रैल 1934 को गांधी जी कुर्सेला तत्काल पुर्णिया जिला वर्तमान में कटिहार जिला के टीकापट्टी आए थे. पूर्व सांसद कहते हैं कि कुर्सेला से जुड़े गांधी जी की कई और इतिहास हैं, जिसे बेहतर ढंग से कुर्सेला गांधी घर में संजोकर रखने का प्रयास किया गया है. आज इसी इतिहास को जानने के लिए दूर-दराज से पर्यटकों के साथ-साथ गांधीवादी लोग इस आश्रम के माध्यम से राष्ट्रपिता के उस दौर को जानने समझने के लिए आते हैं.
जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर कुर्सेला स्टेशन से कुछ ही दूरी पर सर्वोदय आश्रम सह गांधी घर गांधी दर्शन पर शोध करने वाले छात्र- छात्राओं के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है. गांधी घर कुर्सेला के अध्यक्ष दावे के अनुसार भूकंप आधारित आर्ट और म्यूजियम जिसमें उस समय भयानक प्राकृतिक आपदा के त्रासदी से जुड़ी जानकारी को समेटकर रखने वाला यह एकमात्र केंद्र है.
इसमें भूकंप के कहर के साथ-साथ उस दौर में गांधीजी किस तरह से लोगों तक सेवा करते थे. यहां पर चित्र और लिखित दस्तावेज के उनके संग्रह मौजूद हैं. सरकार के प्रयास से पर्यटन के रूप में विकसित करने के साथ-साथ यहां पर एक ऑडिटोरियम का भी निर्माण कार्य फिलहाल कुर्सेला गांधी घर में जारी है.