मुजफ्फरपुर निबंधन कार्यालय के तीन कर्मी घूस लेते पकड़े गए हैं. इन कर्मियों के नाम लिपिक देवनारायण, लिपिक नीरज कुमार और लिपिक रवीन्द्र साह है. तीनों कर्मी अपनी टेबल पर काम करते हुए खुलेआम घूस की रकम ले रहे हैं.
मुजफ्फरपुर निबंधन कार्यालय के कर्मियों का घूस लेते हुए वीडियो सामने आया है. वायरल वीडियो में निबंधन कार्यालय के तीन कर्मियों को घूस की रकम लेते हुए देखा जा सकता है. कहा जा रहा है कि निबंधन कार्यालय में किसी भी काम के लिए घूस देना पड़ता है. बिना घूस दिए एक भी फाइल आगे नहीं पढ़ती है. कर्मचारियों ने काम के अनुसार घूस की रकम तय कर रखी है. कर्मियों द्वारा सौ रुपए से लेकर दस हजार रुपए तक घूस लिए जाते हैं. इस सनसनीखेज वीडियो में घूस लेने वाले कर्मचारी अधिकारी तक घूस की रकम पहुंचाने की बात कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरपुर निबंधन कार्यालय के तीन कर्मी घूस लेते पकड़े गए हैं. इन कर्मियों के नाम लिपिक देवनारायण, लिपिक नीरज कुमार और लिपिक रवीन्द्र साह है. तीनों कर्मी अपनी टेबल पर काम करते हुए खुलेआम घूस की रकम ले रहे हैं. देवनारायण का तबादला कुछ दिन पहले ही सीवान जिले के निबंधन कार्यालय में हुआ है. लेकिन बाकी के दोनों लिपिक अब भी मुजफ्फरपुर निबंधन कार्यालय में तैनात हैं.
तीनों ही कर्मी जमीन निबंधन में जनीम का निरीक्षण नहीं करने के नाम पर और डीड की जांच के नाम पर घूस ले रहे हैं. वीडियो में लिपिक देवनारायण खुलेआम 15 सौ रुपये की मांग कर रहे हैं, जिसमें से वे 5 सौ रुपए अधिकारियों तक पहुंचाने की बात कर रहे हैं. गौरतलब है कि लिपिक देवनारायण जिस 15 सौ की मांग कर रहे हैं वह विवाह के निबंधन के लिए घूस लिया जा रहा है.
वहीं, लिपिक रवीन्द्र साह निबंधन वाली जमीन के स्थल की जांच किये बगैर अपनी टेबल पर एक हजार की रकम घूस में ले रहे हैं. जबकि दूसरे वीडियो में वे निबंधन के लिए आये जमीन के डीड की जांच के नाप पर सौ रुपए सभी लोगों से वसूल रहे हैं. यह सब तब हो रहा है जब सरकार ने कर्मियों और अधिकारियों को घूस नहीं लेने के लिए निबंधन कार्यालय में सीसीटीवी कैमरा लगा रखा है. बावजूद इसके ये तीनों कर्मी बेशर्मी से लोगों से धड़ल्ले से घूस ले रहे हैं.
दरअसल, न्यूज 18 के हाथ लगे इस वीडियो को इंडियन एण्टी करप्शन ऑर्गनाइजेशन संस्था के सदस्यों ने ले लिया है. निबंधन कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार की कहानी सालों से आम हो चुकी है. कई बार भ्रष्टाचार के सबूत मुजफ्फरपुर से लेकर राजधानी तक के आला अधिकारियों को पहुंचाया गया है. लेकिन हालात ज्यों-के त्यों हैं. रोजाना भ्रष्टाचार के सहारे ही आम लोग अपनी जमीन और विवाह के निबंधन कराते हैं. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि लाखों की कमाई के चक्कर में निबंधन कार्यालय के कर्मी और अधिकारी जमीन के किस्म को बदलकर सरकार के करोड़ों का राजस्व की क्षति पहुंचा रहे हैं.
इंडियन एण्टी करप्शन ऑर्गनाइजेशन के राज्य प्रभारी राजीव कुमार मिश्रा ने घूस लेते हुए कर्मियों का वीडियो देखने के बाद डीएम को कार्रवाई करने का आवेदन दिया है. राजीव मिश्रा ने बताया कि जमीन की किस्म को गलत बताकर लोगों से घूस की रकम ली जाती है और सरकार के राजस्व का नुकसान पहंचाया जाता है.
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर के निबंधन कार्यालय में तीन लिपिकों द्वारा घूस लेने के मामले में जांच के बाद कारवाई होगी. डीएम आलोक रंजन घोष ने कहा है कि वीडियो का फुटेज प्राप्त कर जांच कराई जायेगी जिसके बाद कार्रवाई की जायेगी. न्यूज 18 पर तीनों ही लिपिकों का एक्सक्लूसिव वीडियो चलने के बाद घूस लेते हुए वीडियो में दिखाई दे रहे दो आरोपियों ने भी अपनी सफाई दी है. निबंधन कार्यालय में नकदी काम करने पर रोक है बावजूद इसके खुलेआम जमीन का स्थल जांच किये बगैर घूस की रकम लेकर काम किया जा रहा है.
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