चीन का ग्लास ब्रिज विश्व का सबसे बड़ा माना जाता है. इसे देखने के लिए पूरी दुनिया के लोग खास तौर पर चीन पहुंचते हैं. अगर भारत की बात करें तो भारत का पहला ग्लास स्काईवॉक ब्रिज सिक्किम के पहाड़ी शहर पेलिंग में है. इसे पेलिंग स्काईवॉक ब्रिज कहा जाता है. लेकिन, अब भारत में भी उसी की तर्ज पर एक ऐसा ग्लास ब्रिज बन चुका है जिसकी खूबसूरती और मनोरम दृश्य चीन के ग्लास ब्रिज से कहीं अधिक है. इसे बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में बनाया गया है. (फोटो- अभिषेक कुमार)
ग्लास ब्रिज को देखने दूर-दूर से सैलानी पहुंच रहे हैं. यह इतनी मजबूती से बनाया गया है कि इस पर एक साथ आसानी से 40 लोग चल सकते हैं. इस ग्लास ब्रिज के ऊपर चढ़ने के बाद ऐसा लगता है जैसे आप हवा में चल रहे हों.
कांच से बने इस पुल से नीचे की ओर देखने पर ऊंचाई से ऐसा लगता है जैसे हम आसमान में हों और हमारे नीचे कोई जमीन नहीं है, देखकर ऐसा लगता है कि अब नीचे गिर जाएंगे. ग्लास ब्रिज की ऊंचाई जमीन से 200 फीट है और यह लगभग 6 फीट चौड़ा है.
राजगीर का ग्लास ब्रिज चीन के हांगझोऊ की तर्ज पर बनाया गया है. दुनिया में कुछ गिनी-चुनी जगहों पर ही इतने बड़े ग्लास के ब्रिज हैं. राजगीर का ग्लास ब्रिज भारत का दूसरा ग्लास ब्रिज है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा बनवाया गया यह ग्लास ब्रिज अपने आप में अनूठा है. चीन और अमेरिका की तरह बिहार के इस ग्लास ब्रिज का उद्गाटन 27 मार्च 2021 को मुख्यमंत्री ने किया था. इसके बाद इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया.
राजगीर पहुंचना काफी आसान है, आप पटना से टैक्सी या बस के जरिए राजगीर पहुंच कर ग्लास ब्रिज की सैर कर सकते हैं. पटना से मात्र ₹100 खर्च कर भी आप राजगीर पहुंच सकते हैं और पहाड़ की वादियों से घिरा इस खूबसूरत ग्लास ब्रिज का आनंद ले सकते हैं.
इस ग्लास ब्रिज पर सफर करने के लिए आपको ₹200 खर्च करने होंगे. ग्लास ब्रिज जाने के लिए एंट्री फीस 50 रुपये है, जबकि इस पुल पर घूमने के लिए आपको 150 रुपये चुकाने होंगे.
पूर्वोत्तर भारत का पहला ग्लास ब्रिज अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में है. राजगीर ग्लास के ब्रिज पर जाने के लिए आपको Rajgirzoosafari.in पर जाकर टिकट बुक करना होगा.
टिकट को खरीदने के बाद आप 2 घंटे तक इस ग्लास ब्रिज पर सफर का आनंद ले सकते हैं. कम कीमत में ही यह लोगों को चीन के ग्लास ब्रिज से कहीं ज्यादा पसंद आ रहा है. इस कारण यह लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन चुका है.