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PHOTOS: दंगों की खबरों के बीच क्यों दब जाती हैं सद्भाव की बातें? ये तस्वीरें जरूर देखिये

पटना. एक ओर जहां देश में कुछ जगहों से दंगे और फसाद की खबरें आ रही हैं, वहीं ऐसी खबरों के शोर में कई सकारात्मक खबरें पीछे छूट जाती हैं. पटना के फुलवारी शरीफ की जो तस्वीरें सामने आईं हैं वह ऐसे अराजक तत्वों को करारा जवाब देती हैं तो वहीं सामाजिक सद्भाव का अनूठा संदेश भी दे रही हैं. (फोटो-अमरजीत शर्मा)

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पटना के फुलवारी शरीफी में रामनवमी के दौरान कौमी एकता की मिसाल देखने को मिली. ये वही इलाका है जहां कई बार दंगे हो चुके हैं. लेकिन, इस बार दंगों के काली परछाई को भुलाकर लोग कौमी एकता को ही अहमियत दे रहे हैं.

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रामनवमी के एक दिन बाद फुलवारी शरीफ में हर वर्ष रामनवमी का जुलूस निकाला जाता है. इसमें हिंदू मुस्लिम सभी शामिल होते हैं. तस्वीरों में भी आप देख सकते हैं कि किस तरह से टोपी पहने और कंधे पर लाल चुनरिया लेकर मुस्लिम भाई कौमी एकता और सामाजिक एकता का एक नया मिसाल कायम कर रहे हैं.

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हजारों की भीड़ थी और उस भीड़ में फुलवारी शरीफ नगर परिषद के नगर सभापति आफताब आलम और उनके साथ नौशाद आलम, पप्पू खान समेत कई मुस्लिम समुदाय के लोग सिर पर टोपी लिए जुलूस में शामिल रहे.

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एक तरफ जहां मुसलमानों का रोजा चल रहा है तो वहीं इस रामनवमी जुलूस में रोजेदार भी शामिल हो करके यह साबित कर रहे हैं कि फुलवारी शरीफ में एक बार फिर से कौमी एकता कायम है.

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कई लोग दंगे फसाद और सामाजिक उन्माद फैलाना चाहते हैं, तो वहीं फुलवारी शरीफ में रमजान के दौरान रामनवमी के जुलूस में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हो रहे हैं. यही नहीं बल्कि इसमें बीजेपी के फुलवारी नगर मंडल के अध्यक्ष रमेश यादव को गुलाब का फूल देकर उनका स्वागत भी किया जा रहा है.

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रमेश यादव रामनवमी जुलूस के आयोजक भी हैं इस कौमी एकता में जो तस्वीर दिखाई दी वह समाज को यह बताने के लिए काफी है की हिंदू और मुस्लिम का पर्व एक साथ मिलकर भाई चारे के साथ मनाया जा सकता है और इसमें किसी भी असामाजिक तत्व और सामाजिक उन्माद फैलाने वाले लोगों को जगह नहीं है.

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एक तरफ जहां भारी जुलूस के साथ रहे. हिंदू भाई जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे. जय श्रीराम के नारों के बीच चुनरी ओढ़े और टोपी पहने रमजान के दौरान इस रामनवमी जुलूस में भी लोग नजर आए.

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यहां के लोगों ने साफ तौर पर संदेश दिया है कि दंगे फसाद से कुछ होने वाला नहीं, इससे समाज टूटता है, जुटता नहीं. इसी संदेश के साथ फुलवारी शरीफ में रामनवमी के दौरान हिंदू-मुस्लिम एकता की बानगी देखने को मिली है.

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बता दें कि फुलवारी शरीफ वही जगह है जहां सीसीए और एनआरसी कानून के विरोध के दौरान दंगे हुए थे. आज उसी दंगे वाली जगह पर लोग कौमी एकता दिखाते हुए नजर आए.

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    PHOTOS: दंगों की खबरों के बीच क्यों दब जाती हैं सद्भाव की बातें? ये तस्वीरें जरूर देखिये

    पटना के फुलवारी शरीफी में रामनवमी के दौरान कौमी एकता की मिसाल देखने को मिली. ये वही इलाका है जहां कई बार दंगे हो चुके हैं. लेकिन, इस बार दंगों के काली परछाई को भुलाकर लोग कौमी एकता को ही अहमियत दे रहे हैं.

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