सीतामढ़ी के सुप्पी प्रखंड का यह मलहा धाप टोला गांव में पांच सौ से ज्यादा परिवार रहते हैं. यहां के ज्यादात्तर लोग मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं, लेकिन दुख की बात यह है कि गांव में रहने वाले लोग आजादी के बाद से आज तक नदी में एक पुल बनवाने की मांग कर रहे हैं. लोगों की पुश्तें दर पुश्तें गुजर रही हैं, लेकिन मनुषमारा नदी पर पुल निर्माण का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है.
धाप टोला के ग्रामीण विनय कुमार पासवान, शांति देवी और कमतुल अंसारी ने बताया कि यहां के लोगों के लिए पुल नहीं होना एक बड़ा श्राप है. यहां के लोगों को हर साल बाढ़ के दौरान भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लोगों की तकलीफों को देखने वाला यहा कोई नहीं है. स्थानीय जनप्रतिनिधियो से भी गुहार लगाई, लेकिन वो भी सुनने को तैयार नहीं हैं.
अब आप जरा इस तस्वीर को भी देखिए. गांव की यह तस्वीर बाढ़ के दौरान ली गई है. जहा के लोग ट्यूब के सहारे तो कभी केले के पेड़ के सहारे विकराल हो चुकी नदी को पार कर रहे हैं. बाढ़ के दौरान लोगों की तकलीफ और बढ़ जाती है. इलाज के अभाव मे गांव में ही लोगों की मौत हो जाती है. तो चार महीने तक इस गांव का संपर्क देश और दुनिया से पूरी तरह से कट जाता है. नदी में बाढ़ का पानी कम होने पर स्थानीय ग्रामीण जन सहयोग के जरिये इस नदी पर चचरी पुल का निर्माण करते हैं, फिर साल के आठ महीनों तक लोगों की जिंदगी इस चचरी पपर रेंगती घिसटती और कराहती नजर आती है.
चुनाव के दौरान सभी नेता पूल निर्माण कराने का आश्वासन देते हैं, चुनाव होने के बाद आश्वासन पर कोई नेता अमल नहीं करता. सरकार और प्रशासन की नजरों से भी यह गांव पूरी तरिके से ओझल है. गांव में पपेयजल, सरकारी स्कूल समेत दूसरे संसाधनों की भी भारी कमी है, लेकिन इन सब कमियों को झेलने की आदत यहां के लोगों को पड़ चुकी है. लोगो की सिर्फ मांग है तो एक अदद पुल के निर्माण की है.
सीतामढ़ी जिला प्रशासन के अधिकारी गांव में जल्द पुल निर्माण कराने का आश्वासन दे रहे हैं. जिला सूचना जनसम्पर्क पदाधिकारी परिमल कुमार ने कहा कि मामले को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी पूरी तरीके से सजग हैं. पुल निर्माण की विभाग से स्वीकृति मिल चुकी है जल्द ही वहां पर पुल निर्माण का काम शुरू हो जाएगा.