आईटी/सॉफ्टवेयरमहामारी के बाद से आईटी और सॉफ्टवेयर कंपनियां निवेशकों के लिए पसंदीदा क्षेत्र रहा है क्योंकि तमाम कारोबार तेजी से डिजिटल हो रहे हैं. सॉफ्टवेयर कंपनियों ने इस मौके को भुनाया है. जिन स्कीमों का इस क्षेत्र में बड़ा निवेश रहा उनमें एचएसबीसी स्मॉलकैप इक्विटी, एक्सिस स्मॉल कैप और इनवेस्को इंडिया स्मॉलकैप फंड शामिल हैं. इस सेक्टर में इन स्कीम्स का निवेश 6,198 करोड़ रुपये रहा है.
टेक्सटाइल सेक्टरकई सालों की सुस्ती के बाद घरेलू टेक्सटाइल सेक्टर अब विकास की पटरी पर लौट आया है. निर्यात मांग में सुधार से इस क्षेत्र की कंपनियों को मदद मिली है. शीर्ष तीन स्कीम्स जिनका इस क्षेत्र में उल्लेखनीय निवेश रहा है वे हैं एलएंडटी इमर्जिंग बिजनेस, डीएसपी स्मॉलकैप और पीजीआईएम इंडिया स्मॉलकैप फंड.
फार्मा सेक्टरमहामारी की वजह से 2020 से फार्मा क्षेत्र में सुधार होना शुरू हुआ लेकिन हाल में इसने कमजोर प्रदर्शन किया है. फंड मैनेजरों ने चुनिंदा फार्मा शेयरों में हाल में निवेश बढ़ाया है. क्वांट स्मॉलकैप, सुंदरम स्मॉलकैप और एचएसबीसी स्मॉलकैप इक्विटी फंड इस क्षेत्र में उल्लेखनीय निवेश करने वाली शीर्ष तीन स्कीम्स हैं. स्मॉलकैप फंड का इन कंपनियों में एयूएम (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट) 4,171 करोड़ रुपये रहा है.
इंजीनियरिंग-कंस्ट्रक्शन सेक्टरगैर-आवासीय सेगमेंट में निर्माण खर्च में हुई वृद्धि के बावजूद 2021 में अधिकांश समय तक इस क्षेत्र की कंपनियों का प्रदर्शन कमजोर रहा है. इसके बावजूद इस क्षेत्र की चुनिंदा कंपनियों में बेहतर संभावना दिखी है. अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ इस क्षेत्र में आगे तेजी रहने की उम्मीद है. क्वांट स्मॉलकैप, इनवेस्को इंडिया स्मॉलकैप और आईडीबीआई स्मॉलकैप फंड ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश किया है. स्मॉलकैप फंड ने इस क्षेत्र में 30 अप्रैल, 2022 तक 3,792 करोड़ रुपये निवेश किया था.
प्राइवेट बैंकनिजी क्षेत्र के बैंकों के शेयर पिछले 15-18 महीनों से दबाव में हैं. एसेट्स की गुणवत्ता, कर्ज की मांग में कमी और बांड यील्ड में वृद्धि से उपजी चिंताओं ने विदेशी निवेशकों को इन शेयरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया. हालांकि, स्मॉलकैप फंड सिटी यूनियन बैंक, डीसीबी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और सीएसबी बैंक जैसे चुनिंदा बैंकों की ओर आकर्षित हुए हैं. फ्रैंकलिन इंडिया स्मॉलर कॉस, बीओआई अक्सा स्मॉलकैप और आईटीआई स्मॉलकैप फंड जैसी योजनाओं की इस क्षेत्र में अच्छी मौजूदगी रही है.
ऑटो एन्सिलरीइलेक्ट्रिक वाहन टेक कंपनियों के अधिग्रहण और वैश्विक बाजार पर नजर रखने के साथ कलपुर्जा कारोबार में तेजी ने ऑटो सेक्टर की सहायक कंपनियों के विकास की संभावनाओं में सुधार किया है. आईडीएफसी इमर्जिंग बिजनेस, डीएसपी स्मॉल और एचडीएफसी स्मॉलकैप फंड जैसी योजनाओं ने इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाया है. इन स्कीम्स की ओर से इस सेक्टर की कंपनियों में 2,812 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है.(स्रोतः एसीईएमएफ)
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