हर राजमार्गों पर 200-300 km में होगा एक LNG स्टेशन- पहले 1 साल में 50 LNG स्टेशंस गोल्डन क्वार्डिलैटरल राजमार्गों पर लगाए जा रहे हैं. गोल्डन क्वार्डिलैटरल राजमार्ग चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को जोड़ते हैं. आने वाले समय में गोल्डन क्वार्डिलैटरल और प्रमुख राजमार्गों पर हर 200-300 km पर एक LNG स्टेशन होगा. LNG चूंकि डीजल के मुकाबले 30-40 फीसदी सस्ता होता है, इसलिए परिवहन और अन्य सेक्टर्स में इसके उपयोग से लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी और इससे महंगाई को भी कम रखने में मदद मिलेगी.
कोई भी लगा सकता LNG स्टेशन- पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने एक नोटिस जारी कर कहा है कि कोई भी एंटिटी या कंपनी लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) स्टेशन खोल सकता है. इसके लिए किसी भी प्रकार के सिटी गैस वितरण लाइसेंस या अन्य लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है. पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड एक्ट सिर्फ अधिकृत कंपनी को ही एलएनजी स्टेशन शुरू करने की मंजूरी देने का कोई प्रावधान नहीं है. पीएनजीआरबी ने कहा है कि एक्ट के मुताबिक कोई भी व्यक्ति या कंपनी किसी भी जगह एलएनजी स्टेशन शुरू कर सकती है.
LNG भरने में लगता है कम समय- एलएनजी को भरने में सीएनजी के मुकाबले काफी कम समय लगता है. ये काफी अच्छा माइलेज भी देती है. एक अनुमान के मुताबिक, एक बार ट्रक में इसे भराने के बाद 900 किमी तक की यात्रा की जा सकती है. ऐसे में भारी वाहनों कि लिए एलएनजी डीजल के मुकाबले काफी सस्ती भी पड़ती है. हालांकि, सीएनजी के उलट एलएनजी को स्टोर करने के लिए क्रायोजेनिक स्टोरेज टैंक की जरूरत होती है.
50 में से 20 LNG स्टेशंस IOC लगाएगी- पहले 50 में से सर्वाधिक 20 LNG स्टेशंस IOC लगाएगी. हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) 11 और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड भी 11 स्टेशंस लगाएंगी. गैस बेचने वाली कंपनी गेल 6 आउटलेट लगाएगी और पेट्रोनेट LNG Ltd बाकी बचे हुए 2 आउटलेट लगाएगी.
इन राज्यों में लगेंगे आउटलेट्स- पहले 50 आउटलेट्स में सबसे ज्यादा 10 आउटलेट्स गुजरात में लगेंगे, देश की कुल LNG आयात क्षमता में करीब दो-तिहाई योगदान करता है. महाराष्ट्र्र और तमिलनाडु दोनों राज्यों में 8-8 LNG स्टेशंस लगेंगे. इन दोनों राज्यों में भी LNG टर्मिनल्स हैं. आंध्र प्रदेश में 6, कर्नाटक में 5, केरल में 3, ओडिशा में 1, तेलंगाना में 2, हरियाणा में 1, राजस्थान में 3, उत्तर प्रदेश में 2 और मध्य प्रदेश में 1 LNG आउटलेट लगेंगे.
LNG का उपयोग माइनिंग इक्विपमेंट और रेल लोकोमोटिव में भी हो सकता है- अभी तक भारत में वाहन चलाने के लिए ईंधन के रूप में पेट्र्रोल, डीजल, CNG और ऑटो-LPG का उपयोग होता है. LNG एक नई ईंधन होगी, जिसे पेट्र्रोल पंप जैसे आउटलेट से वाहनों में भरा जा सकता है. सिर्फ लांग-हॉल बस और ट्रक में ही नहीं, बल्कि LNG का उपयोग बंकर फ्यूल के तौर पर माइनिंग इक्विपमेंट और रेल लोकोमोटिव में भी हो सकता है.
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