सिंगापुर की संस्था ग्रुप आईबी ने खुलासा किया है कि इंटरनेट पर 13 लाख भारतीयों के क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी चोरी हो गई है. जानिए आप कैसे सावधानी के साथ अपने कार्ड की डिटेल्स को सुरक्षित रख सकते हैं?
किसी भी अनजानी और असुरक्षित साइट पर अपने कार्ड्स की डिटेल्स न भरें. ऐसा करने पर आपकी बैंकिंग डिटेल्स लीक हो सकती हैं.
कार्ड्स की जानकारी चुराने के लिए अपराधी स्वाइप मशीन में डिवाइस या चिप फिट कर देते हैं. ऐसी चिप होटल, पेट्रोल पंप और रेस्टोरेंट जैसी सार्वजनिक जगह पर लगी होती है. यही चिप यूजर्स का डेटा चुराती हैं. इसलिए संदिग्ध स्थानों पर कार्ड स्वाइप कराने से बचें.
कार्ड की डिटेल्स चुराने का एक और तरीका है जिसे क्लोनिंग कहा जाता है. अपराधी स्वाइप मशीन के नजदीक कैमरा लगाकर सारी जानकारी चुरा लेते हैं. फिर कार्ड की क्लोनिंग के जरिए ठगी करते हैं.
ठगी करने वाले लोग अक्सर मशीन के पास खड़े होकर बातों में उलझाकर क्रेडिट और डेबिट कार्ड को बदल देते हैं. इसके बाद अपराध को अंजाम देते हैं.
अक्सर जल्दबाजी और भूल से लोग अपने कार्ड को मशीन को छोड़कर भूल जाते हैं. इसी गलती का फायदा ठगी करने वाले अपराधी उठाते हैं.
कई बार एटीएम और क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते वक्त अपराधी आपकी डिटेल्स को जान लेते हैं. इसका इस्तेमाल वो बाद करते हैं.