नए आइडिया और नई थीम लेकर बिजनेस शुरू करने वाले Startups को बजट से काफी उम्मीदें हैं. स्टार्टअप्स के सामने बड़ी चुनौती इंडस्ट्री में बने रहने के कैश फ्लो का बने रहना है.
इस बार के बजट से आम आदमी को काफी उम्मीदें हैं. आम जनता के साथ रियल एस्टेट, स्टार्टअप, रिटेल सेक्टर, टैक्नोलॉजी सेक्टर समेत अन्य सेक्टर्स बड़ी घोषणाएं और राहत पैकेज का ऐलान किए जाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. कोरोना महामारी ने भारत समेत पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को चौपट करके रख दिया है. केवल आईटी सेक्टर अर्थव्यवस्था को संभाले हुए है. आईटी के चलते ही अन्य उद्योगों को भी सहारा मिला है.
बजट से आईटी सेक्टर रिस्क कैपिटल को राहत देने के लिए टैक्स छूट की उम्मीद कर रहा है. आईटी सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट चाहते हैं कि देश में आईटी इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप पर फोकस होना चाहिए. स्टार्टअप को टैक्स में छूट और प्रोत्साहन मिलना चाहिए. सेक्टर को आशा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उनकी मांगों को पूरा अवश्य करेंगी.
छोटो उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक्सपर्ट चाहते हैं कि ईज आफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) में छोटी कंपनियों की जरूरतों को भी प्राथमिकता मिलनी चाहिए. देश में ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ ही ईज आफ इन्वेस्टमेंट की बड़ी जरूरत है.
देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बाहरी निवेश को बढ़ाने के लिए बजट में रियायत की उम्मीद जताई जा रही है.देश में लिस्टेड और अनलिस्टेड कंपनियों के लिए निवेश लाने के लिए एक जैसे नियम होने चाहिए. सरकार को टियर 2 और टियर 3 शहरों में अनुकूल निवेश माहौल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में टैक्स छूट पर ज्यादा फोकस करना चाहिए.
बजट 2021-22 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय आईटी कंपनियों और आईटी बीपीएम इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं की थी. हालांकि, बजट में कुछ घोषणाएं थीं जो देश के टेक्नोलॉजी सेक्टर को बढ़ावा दे सकती थी. पिछले बजट में सरकार ने देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तावित की थी. इंडस्ट्री का मानना है कि इससे छोटे शहरों में ई पेमेंट और फिनटेक फर्मों में इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा.