नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) और आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में आज 3 अहम फैसले लिए गए हैं. इसमें टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर और NIIF Debt प्लेटफॉर्म को लेकर भी बड़ा ऐलान हुआ है. आइए जानें आम आदमी पर क्या होगा असर
20.50 लाख पैसा जमा करने वालों को मिलेगी मदद- लक्ष्मी विलास बैंक इस साल का दूसरा बैंक है जिसे RBI ने डूबने से बचाया है. इससे पहले मार्च में RBI ने यस बैंक को डूबने से बचाया था. पिछले 15 महीनों में देखा जाए तो लक्ष्मी विलास बैंक तीसरा बैंक है जिसे डूबने से बचाया गया है. DBS India में लक्ष्मी विलास बैंक के विलय की डील में DBS India को 563 ब्रांच, 974 ATM और रिटेल बिजनेस में 1.6 अरब डॉलर की फ्रेंचाइजी मिलेगी. 94 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक का नाम खत्म हो जाएगा और साथ ही इसकी इक्विटी भी पूरी तरह खत्म हो जाएगी. अब इस बैंक का पूरा डिपॉजिट DBS India के पास चला जाएगा.
4000 कर्मचारियों की नौकरी का संकट टला- इससे पहले RBI ने लक्ष्मी विलास बैंक पर 16 दिसंबर तक मोरेटोरियम लागू कर दिया है. इस दौरान खाताधारक ज्यादा से ज्यादा 25,000 रुपए की रकम ही निकाल सकते हैं. नए कानून के मुताबिक, अगर एक से ज्यादा खाते हैं तो भी कुल मिलाकर 25,000 रुपए की रकम ही निकाल सकते हैं.जिन लोगों का सैलरी अकाउंट लक्ष्मी विलास बैंक में था या किसी दूसरी तरह की आमदनी आती थी उसे तुरंत रोक दिया गया है और दूसरे बैंक में ट्रांसफर का इंतजाम करने को कहा गया है. इसके लिए खाताधारकों को लेटर लिखकर अपनी सैलरी या दूसरी आमदनी अपने किसी और खाते में ट्रांसफर करने का निवेदन करना होगा. अगर लक्ष्मी विलास बैंक में आपका लोन अकाउंट था तो पहले EMI की रकम 25,000 रुपए में से कट जाएगी.
(2) टेलिकॉम इंफ्रा सेक्टर के लिए हुआ ये बड़ा ऐलान- ATC Telecom Infra Pvt Ltd में एफडीआई को मंजूरी मिली है. कैबिनेट से 2480 करोड़ के FDI को मंजूरी मिल गई है. ATC Asia Pacific Pte. Ltd. FDI के जरिए 12.32 फीसदी हिस्सा खरीदने का प्लान बनाया जा रहा है. बता दें ATC Telecom Infra इस समय टेलिकम्युनिकेशन्स इंफ्रास्ट्रक्चर सॉल्युशन की सुविधा प्रदान करती है. इसके साथ ही रखरखाव और संचालन की भी सुविधाएं देती है.एटीसी एशिया पैसिफिक पीटीई लिमिटेड (ATC Asia Pacific Pte Ltds) के कारोबार में बैंकों के अलावा अन्य कंपनियों की प्रतिभूतियों की होल्डिंग या मालिकाना शामिल है. इस कंपनी की स्थापना साल 2006 में हुई है.
(3) नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में 6000 करोड़ रुपये के निवेश का फैसला: NIIF Debt प्लेटफॉर्म में भी फंड डालने की मंजूरी मिली है. एनआईआईएफ स्ट्रैटेजिक अपॉर्चुनिटी फंड ने अपने प्लेटफॉर्म की स्थापना की है, जिसमें एक एनबीएफसी इंफ्रा डेट फंड और एक एनबीएफसी इंफ्रा फाइनेंस कंपनी शामिल हैं. बता दें हाल ही में सरकार ने आत्मनिर्भर भारत 3.0 के तहत 6 हजार करोड़ रुपए के इक्विटी निवेश का प्रस्ताव दिया था.