अगर आपने बिना किसी कारण कई बैंकों में खाते खोल (Multiple Bank Account) रखें हैं तो अब आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रडार पर आ सकते है. अगर आप कोई खाता यूज नहीं कर रहे हैं तो उसे बंद करवा दें. नहीं तो, हो सकता है कि आप इसी वजह से इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) के रडार पर आ जाएं. आइए आपको बताते हैं कि क्यों इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कर रहा है ऐसे खातों की पड़ताल..
आयकर विभाग समझता है कि आपने ढेरों बैंक अकाउंट (Multiple Bank Account) इसलिए खोल रखे हैं ताकि वह काले धन को सफेद बनाने (Money Laundering) का जरिया बने.
मल्टीप्ल अकाउंट से काले धन को सफेद बनाने में मिलती है मदद: भारत में अभी तक ऐसा कोई कानून नहीं बना है, जो किसी व्यक्ति को कई बैंक में खाता खोलने से रोके. लेकिन, जब बात आयकर विभाग की सक्रियता की आती है तो फिर ऐसे लोगों को परेशानी हो सकती है. आयकर विभाग के सोचने का तरीका अलग है. वह सोचता है कि किसी ने बिना कारण कई बैंकों में अकाउंट खोला है तो वह कहीं डमी अकाउंट तो नहीं है. वह अकाउंट किसी शेल या फर्जी कंपनी से तो नहीं जुड़ा है. उससे काले धन को सफेद बनाने में मदद तो नहीं मिल रही है.
बैंक दे रहे हैं आयकर विभाग को जानकारी: वित्त मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि अब बैंकों से नियमित रूप से सूचना आयकर विभाग को मिल रही है. कौन व्यक्ति बड़ी मात्रा में रुपये की निकासी या जमा कर रहा है, इस बारे में बैंक तुरंत आयकर विभाग को बताता है. यही नहीं, एक ही पैन नंबर पर कितने बैंक खाते खुले हैं, इसकी भी जानकारी अब एक क्लिक में ली जा सकती है.
एक ही व्यक्ति के कई शहर में अकाउंट खोलता है तो बनता है संदेह: यदि किसी व्यक्ति ने अलग-अलग शहरों में कई बैंक खाते खुलवा रखे हैं, तो भी वह संदेह का पात्र है. आज से कई साल पहले, जबकि बैंकों में सेंट्रलाइज्ड बैंकिंग सिस्टम नहीं था, तब ऐसा होता था. कई शहरों में काम करने वाले कारोबारी ऐसा करते थे, क्योंकि उस समय दूसरे शहर के बैंक का चेक क्लियर होने में वक्त लगता था. अब तो सीबीएस सिस्टम में पलक झपकते ही पैसा ट्रांसफर हो जाता है. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अलग-अलग शहर में खाता खोलता है तो जाहिर है कि कुछ दूसरा ही उद्देश्य है.
आयकर विभाग ने ET को बताया है कि इस तरह के मामले सामने आते ही रहते हैं. कुछ समय पहले ही गाजियाबाद में एक व्यक्ति पकड़ में आया था, जिसने एक निजी बैंक और एक सरकारी बैंक में 80 से भी ज्यादा खाते खोल रखे थे. आयकर विभाग को संदेह था कि उसने इन खातों के सहारे करीब 380 करोड़ रुपये के बराबर काले धन को सफेद कर दिया है. इसी तरह, नोटबंदी में दिल्ली में एक ऐसा व्यक्ति पकड़ में आया था जो कि कश्मीरी गेट के मोटर पार्ट्स मार्केट में झल्ली ढोता था और उसके 20 से ज्यादा बैंक खाते थे. दिलचस्प बात यह है कि उस व्यक्ति का कोई ठिकाना भी नहीं था. वह रात में जब बाजार बंद हो जाता था, तब किसी दुकान के सामने पटरी पर ही बिस्तर बिछा कर सो जाता था. लेकिन नोटबंदी के दौरान उनके खाते में लाखों रुपये की रकम अपने खाते में जमा की थी.
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