शुक्रवार सुबह आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से चलाई गई पहली किसान रेल दिल्ली पहुंच गई है. यह रेल दक्षिण भारत से सब्जियां और फल लेकर आदर्श नगर रेलवे स्टेशन पहुंची है. इस ट्रेन में 332 टन फल और सब्जियां लाई गईं. इस ट्रेन ने 36 घंटों में यह दूरी तय की है. ट्रकों को अमूमन यह दूरी तय करने में 4 दिन तक का वक्त लग जाता है. इस ट्रेन से किसानों की ताज़ा फल और सब्ज़ियां समय पर मंडी पहुंच गई. साथ ही, किसानों को उपज की बेहतर क़ीमत भी मिलेगी. साथ ही ट्रांसपोर्टेशन पर क़रीब 25 फ़ीसदी कम ख़र्च होने से उनका मुनाफ़ा भी ज़्यादा होगा.
इस ट्रेन को सप्ताह में एक बार चलाया जाएगा लेकिन मांग बढ़ने के साथ ही इसके फेरे में बढ़ोत्तरी भी की जाएगी.लेकिन अक्टूबर के बाद जैसे ही फसल कटाई में तेजी आएगी उसके मुताबिक जनवरी से मांग के मुताबिक ट्रेन के फेरे में बढ़ोतरी की जा सकती है. 7 अगस्त को पहली किसान रेल महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच शुरू की गई थी. पहले इसे हफ्ते में एक बार ही चलाया जाना था, लेकिन मांग बढ़ने के बाद इसे हफ्ते में दो बार चलाया जा रहा है.
दक्षिण भारत की पहली किसान रेल से बागवानी से जुड़े लोगों को फायदा होगा. उनकी फसल कम समय में बाजार में पहुंच सकेगी. अभी ट्रकों के जरिए होने वाली ढुलाई से किसानों को 25 फीसदी यानी करीब 300 करोड़ रुपये सालाना का नुकसान होता है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, किसान रेल देश की अर्थव्यवस्था के विकास में सार्थक भूमिका का निर्वाह करेगी. किसान रेल चलने से किसानों की उपज को देश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में सहूलियत होगी और किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत भी मिलेगी.
अनंतपुर में दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फल एवं सब्जी का उगाई जाती हैं, ऐसे में इस क्षेत्र के किसानों के लिए यह ट्रेन वरदान बन सकती है. जिले के 58 लाख मीट्रिक टन फल और 80 फ़ीसदी सब्जियां राज्य से बाहर बेची जाती हैं. इसके लिए दिल्ली, यूपी, पंजाब और हरियाणा बड़े बाज़ार हैं. ऐसे में इलाके के किसानों को किसान रेल से बड़ा फ़ायदा होने की उम्मीद है.
किसान रेल पार्सल कोच की ट्रेन है जिसमें किसान अपनी पैदावार को रेल के ज़रिये दूसरे शहरों तक कम समय में भेज सकते हैं. कोरोना ख़ौफ़ की वजह से रेलवे की ज़्यादातर ट्रेनें रद्द हैं ऐसे में मालगाड़ियों और पार्सल ट्रेनों को समय पर चला पाना संभव हो पाया है. आपदा को अवसर में बदलने का फ़ायादा किसानों को भी मिल रहा है.