Union Budget 2019: भारत के बजट और वित्त मंत्री के रेड सूटकेस के बीच का रिश्ता बेहद दिलचस्प है. यह रिश्ता वर्ष 1860 से बना हुआ है. मतलब यह रिश्ता 159 साल पुराना है और तब से अब तक चला आ रहा है.
भारत के बजट और वित्त मंत्री के रेड सूटकेस के बीच का रिश्ता बेहद दिलचस्प है. यह रिश्ता वर्ष 1860 से बना हुआ है. मतलब यह रिश्ता 159 साल पुराना है और तब से अब तक चला आ रहा है. 26 नवंबर 1947 को स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री शणमुखम शेट्टी द्वारा पेश बजट को भी इसी सूटकेस में लाया गया था. आइए जानते हैं कैसे बना ये रिश्ता और क्यों इतना लंबा होता है बजट भाषण...
वास्तव में बजट फ्रांसीसी शब्द ‘बॉगेटी’ से निकला हुआ है, जिसका मतलब लेदर बैग होता है. 1860 में ब्रिटेन के ‘चांसलर ऑफ दी एक्सचेकर चीफ’ विलियम एवर्ट ग्लैडस्टन फाइनेंशियल पेपर्स के बंडल को लेदर बैग में लेकर आए थे. तभी से यह परंपरा निकल पड़ी.
इन पेपर्स पर ब्रिटेन की क्वीन का सोने में मोनोग्राम था. खास बात यह है कि क्वीन ने बजट पेश करने के लिए लेदर का यह सूटकेस खुद ग्लैडस्टन को दिया था. ग्लैडस्टन की बजट स्पीच काफी लंबी होती थी, जिसके लिए कई सारे फाइनेंशियल डाक्यूमेंट्स और पेपर्स की जरूरत होती थी. यहीं से लंबी बजट स्पीच की परंपरा भी चल निकली.
ब्रिटेन में रेड ग्लैडस्टन बजट बॉक्स 2010 तक प्रचलन में था. 2010 में इसे म्यूजियम में रख दिया गया और उसकी जगह एक फ्रेश रेड लेदर बजट बॉक्स का यूज शुरू किया गया.
साफ तौर पर भारत के बजट बॉक्स या सूटकेस पर अभी भी ब्रिटेन का औपनिवेशिक असर है. स्वतंत्रता के बाद भारत में लेदर बैग की इस परंपरा को जारी रखा गया. ब्रिटेन की अन्य कालोनियां यानी उपनिवेशों जैसे- यूगांडा, जिम्बाब्वे और मलेशिया में भी बजट स्पीच के लिए इसी बजट सूटकेस का उपयोग किया जाता है.
हालांकि ब्रिटेन के विपरीत शणमुखम के बजट बॉक्स या सूटकेस में ही बजट डाक्यूमेंट्स लाने के विपरीत आगे के वित्त मंत्रियों ने नए बजट सूटकेस का उपयोग किया. इसीलिए भारत में बजट सूटकेस के कलर और शेड्स में अंतर आता रहा है. सबसे दिलचस्प पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सूटकेस था. यूपीए सरकार के वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने पूरी तरह ग्लैडस्टन जैसे रेड बजट बॉक्स का उपयोग किया था.