एसेसमेंट ईयर 2018-19 के लिए नया आईटीआर फॉर्म लाया गया है. एक पेज के नए सहज आईटीआर फॉर्म में कई बदलाव किए गए हैं. इन बदलावों के तहत सालाना 50 लाख रुपये तक की कमाई करने वाले व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स को आईटीआर-1 फॉर्म भरना होगा. हालांकि पहले की तुलना में फॉर्म में अब ज्यादा जानकारी देनी होगी. साथ ही इसमें मकान या ब्याज से आय का ब्यौरा भी देना होगा. ऐसे में लोगों को एकबारगी समझ में नहीं आ रहा है कि इसे आईटीआर प्रोसेस को सरल बनाने के लिए लाया गया है या कठिन बनाने के लिए.
नया आईटीआर फॉर्म में टैक्सपेयर्स को सैलरी ब्रेक-अप बताना, बेसिक सैलरी, अन्य भत्तों की जानकारी देना, सैलरी के एवज में मुनाफा की जानकारी, टैक्सेबल अलाउंस की जानकारी, अतिरिक्त सुविधाओं का ब्यौरा, सेक्शन-16 के तहत डिडक्शन, मकान से किराए की जानकारी, संपत्ति पर स्थानीय अथॉरिटी को कितना टैक्स दिया, मकान खरीदने के लिए उधार ली गई रकम पर ब्याज का ब्यौरा और देरी से रिटर्न फाइलिंग के लिए फीस का ब्यौरा जैसे कई जानकारी देना जरूरी होगा.
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