आयकर कानून के तहत दिव्यांग यानी शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को विशेष टैक्स छूट मिलती है. इतना ही नहीं, ऐसे लोग जिनपर निर्भर रहते हैं, उन्हें भी आयकर कानून के तहत कुछ छूट दी जाती है. हालांकि बड़ी संख्या में ऐसे लोग ऐसे छूट का लाभ इसलिए नहीं उठा पाते हैं, क्योंकि उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती है. इसके अलावा, हर साल सरकार बदलती परिस्थितियों और जरूरतों के मद्देजर ऐसे छूट की सीमा और शर्तों में भी जरूरी बदलाव करती है. आज हम आपको दिव्यांगों के लिए हुई टैक्स छूट की जानकारी दे रहे हैं-
शारीरिक अयोग्यताओं से जूझ रहे लोगों और उनके परिवार वालों को इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80यू और धारा 80डीडी के तहत छूट मिलती है. जो व्यक्ति इस तरह की अयोग्यता के शिकार हैं, उन्हें धारा 80यू के तहत और जिन लोगों पर ये निर्भर रहते हैं, उन्हें धारा 80डीडी के तहत टैक्स छूट मिलती है.
इनकम टैक्स की धारा 80यू के तहत शारीरिक अयोग्यता संबंधी यह छूट एनआरआई को नहीं मिलती है. हालांकि उक्त वित्त वर्ष के दौरान अगर वह एनआरआई भारत में रहता है तो वह भी छूट पाने का हकदार है.
आयकर नियमों के तहत कितनी छूट मिलती है, यह शारीरिक अयोग्यता के प्रतिशत पर निर्भर करता है. अगर व्यक्ति 80 फीसदी से कम शारीरिक रूप से अयोग्य है तो उसे 75,000 तक की छूट मिलती है. वहीं अगर शारीरिक अयोग्यता 80 फीसदी से ऊपर है तो यह छूट 1 लाख 25 हजार होती है.
अगर शारीरिक रूप से अयोग्य व्यक्ति किसी पर आश्रित है तो यह छूट उस व्यक्ति को मिलती है जो कि ऐसे व्यक्ति का फैमिली मेंबर यानी देखरेख करने वाला है. देखरेख करने वालों में माता-पिता, बीवी या फिर भाई-बहन हो सकते हैं.