नई दिल्ली. देश में एक बार फिर से पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ने लगे हैं. सरकारी तेल कंपनियों ने मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल के दाम 6 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 16 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी का ऐलान किया. जिसके बाद अब दिल्ली में पेट्रोल का भाव 81.59 रुपये प्रति लीटर और डीजल का भाव 71.41 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया. सवाल ये उठता है ये अचनाक पेट्रोल-डीजल के दामों में क्यों तेजी आने लगी है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कोरोना वैक्सीन जल्द आने की उम्मीद में कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे है.
एक्सपर्ट्स का कहना हैं कि कोरोना वैक्सीन अगर अगले साल के शुरुआत में मार्केट में आ जाती है तो उससे आर्थिक रिकवरी तेज होगी. लिहाजा कच्चे तेल की मांग बढ़ेगी. इसीलिए कच्चे तेल के दामों में तेजी आई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रेंट क्रूड के दाम 9 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं.
मंगलवार को ब्रेंट क्रूड वायदा 3 सेंट या 0.1% बढ़कर 46.09 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जबकि यू.एस. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 11 सेंट या 0.3% बढ़कर 43.17 डॉलर प्रति बैरल हो गया. दोनों बेंचमार्क ने पिछले सप्ताह लगभग 5% की तेजी दर्ज की थी. सोमवार को इनमें लगभग 2% फीसदी का उछाल देखने को मिला था.
घरेलू वायदा बाजार एमसीएक्स पर कच्चा तेल दिसंबर वायदा का भाव 36 रुपये या 1.13 फीसदी की तेजी के साथ 3231 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. एस्ट्राजेनिका (AstraZeneca) ने सोमवार को कहा कि कंपनी की कोविड वैक्सीन 90% तक प्रभावी पायी गई है. यह वैक्सीन महामारी को रोकने में बड़ा हथियार साबित हो सकती है. यह सस्ती भी है.
कैसे होते हैं पेट्रोल-डीज़ल के दाम: अगर आप यह जानना चाहते हैं कि पेट्रोल के भाव में किस चीज की कितनी हिस्सेदारी है तो आज हम आपको विस्तार से इस बारे में बता रहे हैं: जिस कीमत पर हम पेट्रोल पंप से पेट्रोल खरीदते हैं उसका करीब 48 फीसदी बेस प्राइस यानी आधार मूल्य होता है. इसके बाद बेस मूल्य पर एक्साइज ड्यूटी, सेल्स टैक्स और कस्टम ड्यूटी लगाई जाती है. क्या है ईंधन का बेस प्राइस? तेल के बेस प्राइस में कच्चे तेल की कीमत, प्रोसेसिंग चार्ज और कच्चे तेल को रीफाइन करने वाली रिफाइनरियों का चार्ज शामिल होता है.
कैसे तय होते हैं पेट्रोल के भाव? अब तक ईंधन को GST में शामिल नहीं किया गया है. इस वजह से इस पर एक्साइज ड्यूटी भी लगती है और वैट भी. केंद्र सरकार पेट्रोल की बिक्री पर एक्साइज ड्यूटी वसूलती है, जबकि राज्य सरकारें वैट वसूलती हैं. पेट्रोल और डीजल के भाव वास्तव में आयल मार्केटिंग कंपनियों (इंडियन आयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम) द्वारा पेट्रोल पंप को दिए जाने वाले रेट के बाद टैक्स और उनका कमीशन जोड़ने के बाद बनने वाली रकम है. कितना लगता है टैक्स? अगर इस समय एक औसत के हिसाब से बात करें तो डीजल पर सरकार 66 फीसदी से अधिक और पेट्रोल पर 100 फीसदी से अधिक टैक्स लगाती है.
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