Top Stok Market Investors in India: शेयर बाजार में जब भी बिग बुल की बात होती है तो दिवंगत राकेश झुनझुनवाला का नाम लोगों के जहन में आने लगता है, जिन्होंने मार्केट से खूब पैसा कमाया. लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ राकेश झुनझुनवाला पर ही मार्केट मेहरबान हुआ. उनके अलावा बाजार में कई ऐसे दिग्गज निवेशक रहे शेयर बाजार में अपनी बड़ी पहचान बनाई. हर्षद मेहता के जमाने से लेकर अब तक ये दिग्गज निवेशक बाजार में सक्रिय हैं.
भारतीय शेयर बाजार के दिग्गज निवेशकों की लिस्ट में सबसे पहला नामा दिवंगत राकेश झुनझुनवाला का आता है. वारेन बफे के रूप में जाने जाने वाले, राकेश झुनझुनवाला का नेट वर्थ 2022 तक 31,833 करोड़ रुपये से ज्यादा है. 14 अगस्त, 2022 को उनका निधन होना पूरे भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बड़ा नुकसान था.
इस लिस्ट में दूसरा नाम आता है डीमार्ट के मालिक राधाकिशन दमानी का, जिन्हें भारतीय शेयर बाजार का एक बड़ा निवेशक माना जाता है. खुद दिवंगत राकेश झुनझुनवाला राधाकिशन दमानी को अपना गुरु मानते थे. 80-90 के दशक से शेयर बाजार में सक्रिय राधा किशन दमानी के इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो का साइज 161,356 करोड़ रुपये है. वह ब्राइट स्टार इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड नाम से इन्वेस्टमेंट फर्म चलाते हैं.
राधाकिश दमानी के बाद रमेश दमानी को भी शेयर बाजार के दिग्गज निवेशकों में गिना जाता है. मार्केट में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1990 के दशक में की थी जब सेंसेक्स 600 प्वाइंट पर ट्रेड करता था. दमानी ने मुंबई के एचआर कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से मास्टर किया. फिलहाल वे रमेश दमानी फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के जरिए कारोबार करते हैं. (Image- moneycontrol)
भारतीय शेयर बाजार में रामदेव अग्रवाल भी एक चर्चित नाम है. निवेशके के तौर पर अपने करियर की शुरुआत करने वाले रामदेव अग्रवाल ने बाजार से खूब पैसा बनाया. 1987 में उन्होंने मोतीलाल ओसवाल ब्रोकरेज फर्म की स्थापना की. बताया जाता है कि 1995 में उन्होंने हीरो होंडा के शेयर में 30 रुपये के भाव पर 10 लाख रुपये का निवेश किया था और इस स्टॉक की कीमत 2336 रुपये है. (Image- moneycontrol)
विजय केडिया को भी एक लोकप्रिय निवेशक के तौर पर जाना जाता है. वह 19 साल की उम्र से बाजार में सक्रिय हैं केडिया की निवेश रणनीति को व्यापक रूप से SMILE कहा जाता है. वह संबंधित कंपनी के प्रबंधन और उसके कार्य करने के तरीकों का गहन अध्ययन करने के बाद ही निवेश करता है. उनका मानना है कि बेहतर लाभ हासिल करने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना और निवेश करना जरूरी है.
नेमिष शाह भी शेयर बाजार के बेहतरीन निवेशकों में से एक हैं जो वॉरेन बफे की तरह रणनीतियों का पालन करके काम करते हैं. वह ENAM के को-फाउंडर भी हैं, जिसकी स्थापना 1984 में ब्रोकिंग यूनिट के रूप में हुई थी. इस संगठन ने देश में विभिन्न महत्वपूर्ण आईपीओ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.