नई दिल्ली: पिछले काफी समय से संकट के दौर से गुजर रहे टेलीकॉम सेक्टर को इस बार के बजट से काफी उम्मीदें है. बता दें टेलीकॉम इंडस्ट्री पिछले काफी समय से राहत पैकेज की मांग कर रही है. इसके अलावा 5जी टेक्नोलॉजी को लेकर भी कई घोषणाएं हो सकती हैं.
टेलीकॉम इंडस्ट्री वित्त वर्ष 2021-22 में पेश होने वाले बजट (Budget 2021-22) में मोबाइल सेवा कंपनियों पर लगने वाले शुल्क में कमी की भी मांग कर रही हैं जिसमें लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूजेज चार्जेज शामिल हैं.
वित्तीय सलाहकार कंपनी डेलॉयट इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियां अपना नया ढांचा स्थापित करें. इसके लिए सरकार की ओर से पीएलआई स्कीम लाई गई थी.
इसके अलावा साल 2025 तक दुनियाभर में 25 अरब डॉलर तक के उपकरण के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाएगा यानी आपके सभी जरूरी काम इंटरनेट के जरिए होंगे. इसमें टीवी से लेकर फ्रिज और दरवाजों तक सभी के लिए IoT का नियंत्रण होगा.
नेशनल डिजिटल कम्युनिकेशन पॉलिसी 2018 के तहत सरकार ने पहले ही डिजिटल कम्युनिकेशन को GDP के 8 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा देश के हर नागरिक तक 50 एमबीपीएस की ब्रॉडबैंड स्पीड पहुचाने का भी लक्ष्य है.
इसके अलावा टेलीकॉम इंडस्ट्री के लंबित पड़े मामलों के निपटान के लिए कुछ ऐलान किया जा सकता है. टेलीकॉम इंडस्ट्री इस सेक्टर को TDS (टैक्स ऑन डायरेक्ट सोर्स) के दायरे से बाहर रखने के पक्ष में है. वह टेलीकॉम उपकरणों खासकर 4G/5G उपकरणों को बेसिक कस्टम ड्यूटी से छूट भी चाहती है.
कोरोना वैक्सीन : पहले और टीका लेने के बाद ज़रूर रखें ये 7 एहतियात
B'day: ‘तारे जमीं पर फेम दर्शील सफारी में आ गया है बदलाव, 14 साल बाद पहचानना हुआ मुश्किल
जन्मदिन: तबले के जादूगर जाकिर हुसैन ने 11 साल की उम्र में US में किया पहला शो
जसप्रीत बुमराह गोवा में 14-15 मार्च को करेंगे शादी, इस लड़की के साथ लेंगे 7 फेरे-रिपोर्ट