भारत के बजट और वित्त मंत्री के रेड सूटकेस के बीच का रिश्ता बेहद दिलचस्प है. यह रिश्ता वर्ष 1860 से बना हुआ है. मतलब यह रिश्ता 159 साल पुराना है और तब से अब तक चला आ रहा है. 26 नवंबर 1947 को स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री शणमुखम शेट्टी द्वारा पेश बजट को भी इसी सूटकेस में लाया गया था. आइए जानते हैं कैसे बना ये रिश्ता और क्यों इतना लंबा होता है बजट भाषण...
इन पेपर्स पर ब्रिटेन की क्वीन का सोने में मोनोग्राम था. खास बात यह है कि क्वीन ने बजट पेश करने के लिए लेदर का यह सूटकेस खुद ग्लैडस्टन को दिया था. ग्लैडस्टन की बजट स्पीच काफी लंबी होती थी, जिसके लिए कई सारे फाइनेंशियल डाक्यूमेंट्स और पेपर्स की जरूरत होती थी. यहीं से लंबी बजट स्पीच की परंपरा भी चल निकली.
हालांकि ब्रिटेन के विपरीत शणमुखम के बजट बॉक्स या सूटकेस में ही बजट डाक्यूमेंट्स लाने के विपरीत आगे के वित्त मंत्रियों ने नए बजट सूटकेस का उपयोग किया. इसीलिए भारत में बजट सूटकेस के कलर और शेड्स में अंतर आता रहा है. सबसे दिलचस्प पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सूटकेस था. यूपीए सरकार के वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने पूरी तरह ग्लैडस्टन जैसे रेड बजट बॉक्स का उपयोग किया था.
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