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2008 में पास किया UPSC, आंखों में रौशनी न होने के चलते नहीं दिया IAS पद, फिर संघर्ष कर पाया ओहदा

Ajit Kumar Yadav IAS officer: अजीत कुमार यादव 2008 में सीएसई के लिए उपस्थित हुए और एआईआर-208 हासिल की. वे IAS पद पाने की उम्मीद कर रहे थे, इसके बजाय उन्हें भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (Indian Railway Personnel Service) में जगह देने की पेशकश की गई. 2010 में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण द्वारा एक अनुकूल फैसले के बाद भी, उन्हें आईएएस पद की पेशकश नहीं की गई.

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Ajit Kumar Yadav IAS officer: यूपीएसी परीक्षा पास करने वालों की खास कहानियों की आज की कढ़ी में आज की कहानी थोड़ी और ज्यादा खास है. शारीरिक रूप से नॉर्मल शख्स का एग्जाम पास करना एक तरफ और जिसकी आंखों में बीनाई न हो, उस शख्स का कुछ बनना, किसी प्रोफेशन को चुनना, उसमें कामयाब होना एक अलग बात है. नेत्रहीन लोगों के कुछ बन जाने की तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती. आज की कहानी हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के खीरी गांव के अजीत कुमार यादव की है, जिन्होंने कुछ और नहीं, देश की सबसे मुश्किल परीक्षा, यूपीएससी एग्जाम पास किया.

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अजीत जन्म से नेत्रहीन नहीं थे, उनकी आंखों की रौशनी 5 साल की उम्र में acute diarrhea के चलते चली गई थी. आंखों में रौशनी न होने से जाहिर है अजीत की पढ़ाई लिखाई में परेशानियां आई ही होंगी. अजीत का संघर्ष पढ़-लिख कर यूपीएससी परीक्षा पास करने तक का नहीं रहा. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद पद IAS हासिल करने के लिए भी संघर्ष किया.

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अजीत कुमार यादव 2008 में सीएसई के लिए उपस्थित हुए और एआईआर-208 हासिल की. वे IAS पद पाने की उम्मीद कर रहे थे, इसके बजाय उन्हें भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (Indian Railway Personnel Service) में जगह देने की पेशकश की गई.  2010 में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण द्वारा एक अनुकूल फैसले के बाद भी, उन्हें आईएएस पद की पेशकश नहीं की गई.

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अजीत ने इस भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी. अंत में, विकलांगों के अधिकारों के लिए राष्ट्रीय मंच और राजनेता बृंदा करात के हस्तक्षेप और अजीत की लंबी लड़ाई के बाद 2012 में नियुक्ति पत्र ( appointment letter) पाया. अजीत की पढ़ाई 90 के दशक की शुरुआत में हुई, जब तकनीक आज की तरह विकलांगों के लिए इतनी विकसित नहीं थी.

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    2008 में पास किया UPSC, आंखों में रौशनी न होने के चलते नहीं दिया IAS पद, फिर संघर्ष कर पाया ओहदा

    Ajit Kumar Yadav IAS officer: यूपीएसी परीक्षा पास करने वालों की खास कहानियों की आज की कढ़ी में आज की कहानी थोड़ी और ज्यादा खास है. शारीरिक रूप से नॉर्मल शख्स का एग्जाम पास करना एक तरफ और जिसकी आंखों में बीनाई न हो, उस शख्स का कुछ बनना, किसी प्रोफेशन को चुनना, उसमें कामयाब होना एक अलग बात है. नेत्रहीन लोगों के कुछ बन जाने की तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती. आज की कहानी हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के खीरी गांव के अजीत कुमार यादव की है, जिन्होंने कुछ और नहीं, देश की सबसे मुश्किल परीक्षा, यूपीएससी एग्जाम पास किया.

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