Success Story: अगर आपके मन में कुछ करने का जुनून और हौसला हो तो सफलता जरूर मिलती है. आज हम एक ऐसे ही युवा की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने एक हादसे में अपने दोनों हाथ, एक पैर गवां दिए लेकिन इसके बाद भी हार नहीं मानीं और हौसला नहीं हारा. पढ़ाई-लिखाई जारी रखी और आखिरकार एक बैंक में असिस्टेंट मैनेजर बन गए. यह कहानी उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणादायी है, जो किसी अनहोनी होने पर थक जाते हैं और हार मान लेते हैं.
ये कहानी रोशन नागर की है, उन्होंने बचपन में हुए एक हादसे में अपने दोनों हाथ और एक पैर गंवा दिया था. रोशन को पतंगें पसंद हैं. बचपन में एक रोज छत पर बैठे थे. एक कटी पतंग उनकी ओर आई तो वे पकड़ने के लिए दौड़े. पतंग हाथ नहीं आई तो उन्होंने पास रखी लोहे की रॉड उठाई. वह रॉड घर की छत के पास से गुजर रहे 36 केवी हाई-टेंशन वायर के संपर्क में आई और उनका एक्सीडेंट हुआ. बिजली के झटके ने ब्लड वेसेल्स को नष्ट कर दिया.
डॉक्टर्स से इलाज के लिए जो सकता था, सब किया लेकिन किसी भी सूरत में कामयाबी नहीं मिली. जिंदगी बचाने के लिए दोनों हाथ और एक पैर काटना पड़ा. कंधे के नीचे चार इंच के बाजू बच गए. धीरे-धीरे तबियत में सुधार होने लगा. रोशन ने अपने नाम की तरह अपने मन को भी रौशन रखा. हिम्मत नहीं हारी. घावों का इलाज सालों तक चला. शारीरिक घाव तो भरने लगे. लेकिन मन को संभालना बाकी था. पढ़ाई फिर से शुरू की. (स्कूल में पढ़ते बच्चे, सांकेतिक फोटो)
ज़िंदगी कटने लगी, एक रोज उनसे किसी ने पूछा अब तो तुम्हें ऐसे ही रहना होगा, अब क्या करोगे ? तब उनके दोस्त ने हिम्मत बंधाते हुए कहा, कंधे के करीब बाजू का जो हिस्सा बचा है, उसमें कलम बांधते हैं, लिखना शुरू करो. दोस्त के कहे मुताबिक लिखने की कोशिश शुरू की. परेशानियां आईं, थकान हुई लेकिन सब पार करते गए.
उन्होंने इतनी प्रैक्टिस की, कि तीन-तीन घंटे तक लगातार लिखने लगे. ज़िंदगी इतनी आगे बढ़ गई कि 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं बिना किसी की मदद के पास की. ग्रेजुएशन की. PH/ PWD/ Physically Disabled कोट के तहत सरकारी नौकरी ढूंढी. लेकिन अपात्र घोषित हुए.प्राइवेट सेक्टर में काम किया. वहां की नौकरी भी छोड़ दी.
इलेक्ट्रॉनिक हाथ लगवाने चाहे तो कीमत 13 लाख तक पता चली. चैरिटेबल ट्रस्टों और संगठनों से मदद मांगी. राजस्थान के एक एनजीओ ने इलेक्ट्रॉनिक हाथ लगने नें आए खर्च की पूरी राशि दान की. हाथ लगने के बाद अपने निजी संस्थान में सॉफ्टवेयर प्रोग्राम पढ़ाना शुरू किया. फिर बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में सहायक प्रबंधक के पद पद काम मिला. सफल लेखक और प्रेरक वक्ता भी हैं.