भर्ती परीक्षा के लिए दो पेपर हुए थे. दोनों में पास होने के लिए अलग अलग 40 फीसदी नंबर लाने थे. पहले पेपर में उमाकांत के 45 प्रतिशत नंबर आए. दूसरे में सवाल के सही जवाब का ऑप्शन बदलने की वजह से उनके नंबर 39.93 प्रतिशत रह गए.
ये दिलचप्स किस्सा राजस्थान के भरतपुर में रहने वाले उमाकांत तिवाड़ी का है. उमाकांत तिवाड़ी ने भी बाकी लोगों की तरह बेसिक कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर रिक्रूटमेंट भर्ती के लिए परीक्षा दी. भर्ती परीक्षा की प्रारंभिक आंसर की आई और सभी की तरह उमाकांत ने भी अपने आंसर मिलान किए. प्रारंभिक आंसर की में दिए सही उत्तर के मुताबिक, उमाकांत के नंबर पास होने लायक थे. लेकिन फाइनल आंसर की ने सारा खेल बिगाड़ दिया.
बेसिक कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर रिक्रूटमेंट (Basic Computer Instructor Recruitment) परीक्षा की प्रारंभिक आंसर-की में एक सवाल के जवाब D को सही माना था. लेकिन फाइनल आंसर-की में उसी सवाब के जवाब का ऑप्शन बदल कर A कर दिया. पेपर में निगेटेवि मार्किंग थी. नए आंसर के मुताबिक उमाकांत का जवाब गलत माना गया, उसका नंबर कटा. जिस वजह से उमाकांत के नंबर 0.07 प्रतिशत कम हो गए और उनका सेलेक्शन नहीं हो सका.
बेसिक कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर भर्ती में अभ्यर्थी के पेपर में दिए अपने जवाब के लिए उमाकांत को खुद के जवाब पर बहुत ज्यादा भरोसा था. वे अपने जवाब पर इतने पक्के थे कि सवाल का जवाब ढूंढ़ने के लिए वह देशभर की 8 प्रमुख आईआईटी तक गए. सभी आईआईटी ने ऑप्शन D को ही सही माना, जो कि प्रारंभिक आंसर की में सही था और उमाकांत ने भी उसे ही टिक किया था.
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि बेसिक कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर रिक्रूटमेंट भर्ती परीक्षा के लिए दो पेपर हुए थे. दोनों में पास होने के लिए अलग अलग 40 फीसदी नंबर लाने थे. पहले पेपर में उमाकांत के 45 प्रतिशत नंबर आए. दूसरे में सवाल के सही जवाब का ऑप्शन बदलने की वजह से उनके नंबर 39.93 प्रतिशत रह गए. लेकिन अब जवाब सही होने के बाद, उनके नंबर पूरे हुए, इसके बाद मामला कोर्ट तक गया.
मामला कोर्ट में जाने के बाद, एक्सपर्ट कमेटी ने फिर से फाइनल आंसर-की में बदल कर दिए गए जवाब यानि ऑप्शन A को सही माना. इस जवाब को सही मानने के लिए कमेटी ने डाटाबेस सिस्टम कॉन्सेप्ट 5वां एडिशन एमसी ग्राव्हिल को आधार माना. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष हरि प्रसाद शर्मा के हवाले के मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अभी मामला कोर्ट में विचाराधीन है.
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इसी सवाल के जवाबों पर एक अभ्यर्थी ने कुछ तथ्य दिए हैं. इसी कन्फ्यूजन के चलते यहां सभी पद नहीं भरे गए. यहां 9862 पद भरे जाने थे, जिसमें से 6682 अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ है, बाकी खाली हैं. ये पद इस भर्ती में दोनों प्रश्न-पत्रों में 40-40% अंक नहीं लाने वालों की वजह से खाली हैं.
ये है सवाल- ‘की’ के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें. (1) सुपर-की एक या एक से अधिक अट्टरीबुटस का संयोजन है जो आरडीबीएमएस टेबल के रिकॉड्र्स की यूनिक पहचान करती है. (2) कंडीडेट-की, सुपर-की का एक उपासमुच्चय होती है. (3) सभी सुपर कीज, कंडीडेट कीज होती है लेकिन सभी कंडीडेट की, सुपर कीज नहीं होती है. पढ़ें जवाब के ऑप्शन- A केवल (1) सत्य है. B केवल (2) सत्य है. C (1) और (3) दोनों सत्य है. D (1) और (2) दोनों सत्य है.
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