UPSC Story : कई लोग कोई भी सरकारी नौकरी स्वीकार करने को तैयार रहते हैं. कम ही लोग ऐसे होते हैं जिन्हें अपने लक्ष्य से कम या ज्यादा मंजूर नहीं होता. ऐसी ही शख्सियत हैं आईपीएस तृप्ति भट्ट. जिन्हें आईपीएस से कुछ कम या ज्यादा मंजूर नहीं था. उन्होंने इसके लिए इसरो में वैज्ञानिक बनने के ऑफर तक को ठुकरा दिया था. इसके अलावा उन्हें मारुती जैसी कई कंपनियों में जॉब के ऑफर थे.
आईपीएस तृप्ति भट्ट अल्मोड़ा के शिक्षक परिवार से ताल्लुक रखती हैं. वह चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं. उन्होंने बियरशीबा स्कूल से पढ़ाई की है. 12वीं केंद्रीय विद्यालय से की है. इसके बाद बीटेक पंतनगर यूनिवर्सिटी से किया था.
आईपीएस तृप्ति भट्ट ने पंतनगर यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है. इसके बाद उन्हें इसरो समेत छह सरकारी और गैर सरकारी प्रतिष्ठित संस्थानों से जॉब ऑफर मिले. जिन्हें ठुकराकर उन्होंने आईपीएस बनना पसंद किया. इसमें बेंगलुरु स्थित इसरो में साइंटिस्ट सी की पोस्ट का भी ऑफर शामिल था.
तृप्ति भट्ट नौवीं क्लास में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से मिली थीं. उन्हें कलाम से मिलने का मौका अल्मोड़ा में एक कार्यक्रम में मिला था. मुलाकात के दौरान डॉ. कलाम ने उन्हें एक हस्तलिखित पत्र दिया था. जिसमें कई प्रेरणाप्रद बातें लिखी गई थी. इसने तृप्ति भट्ट को प्रेरित किया.
आईपीएस तृप्ति भट्ट राष्ट्रीय स्तर की 16 और 14 किमी मैराथन और राज्य स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता की गोल्ड मेडल विजेता रही हैं. इसके साथ वह ताइक्वांडो और कराटे में भी दक्ष हैं.
तृप्ति भट्ट अपने पहले प्रयास में ही आईपीएस बन गई थीं. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में उनकी 165वीं रैंक थी. वह 2013 बैच की आईपीएस हैं. उन्हें एक तेजतर्रार पुलिस अधिकारी माना जाता है. उनसे अपराधी कांपते हैं.
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