प्रकृति पर्व सरहुल को लेकर प्रदेश भाजपा कार्यालय परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें सीएम रघुवर दास, पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा, प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय शामिल हुए.इस कार्यक्रम में मांदर की थाप पर सीएम रघुवर दास जम कर थिरके. उनके साथ पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा, राज्य सरकार के मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय व अन्य भाजपा नेता पारंपरिक आदिवासी नृत्य करते दिखे.
दरअसल इस कार्यक्रम में खास तौर पर कलाकारों ने परंपरागत नृत्य पेश किया था.इस मौके पर सीएम रघुवर दास ने लोगों को संबोधित करते कहा कि सरना एवं और सनातन धर्म एक ही है. उन्होंने कहा कि दोनों धर्म प्रकृति प्रेमी हैं. दोनों में प्रकृति की ही पूजा होती है, चाहे पर्व जो हो.
पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा ने भी लोगों को संबोधित किया और कहा कि सरहुल मानव मात्र को संदेश देता है कि प्रकृति को बचाएं.सरहुल के दिन हरेक व्यक्ति एक-एक वृक्ष लगाएं जिससे प्रकृति की पूजा का पर्व सरहुल सार्थक हो सके.
श्री दास ने कहा कि हर पर्व हमें भाईचारे के साथ समाज में एकजुट रहने की सीख देेता है.इसी सोच को ध्यान में रखते हुए सभी राज्यवासी हर्षाल्लास के साथ सरहुल मनाएं.
इसके साथ ही लोगों को तोहफा देते हुए राज्य की रघुवर दास सरकार ने झारखंड की स्थानीय नीति लागू कर दी. 30 वर्ष से या उससे अधिक समय से यहां रह रहे लोग स्थानीय निवासी माने जाएंगे. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया.