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जुर्म की दुनिया में अतीक के 43 साल, चांद बाबा की हत्या कर बना खौफ का दूसरा नाम! जानें माफिया के गुनाहों का पूरा हिसाब-किताब

लखनऊ. माफिया अतीक अहमद इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. बसपा विधायक राजू पाल हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद से अतीक अहमद पर यूपी पुलिस की नजर बनी हुई है. उमेश पाल के अपहरण और हत्या मामले में आरोपी अतीक को गुजरात के साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है. पिछले 43 सालों में अतीक़ के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती जैसी संगीन धाराओं में 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं.

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साल 1979 में पहली बार हत्या करने के आरोप में अतीक के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज हुई थी. अतीक़ पर 6 नवंबर 1989 में अपने खिलाफ चुनाव लड़ने वाले माफिया चांद बाबा की हत्या का आरोप लगा. 1996 में अतीक पर अपने भाई अशरफ की गाड़ी ओवरटेक करने वाले प्रयागराज के व्यवसायी अशोक साहू की भी हत्या करा दिए जाने का आरोप लगाया गया.

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25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का आरोप लगा. 28 फरवरी 2006 को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल का अपहरण कर अपने पक्ष में गवाही से जुड़े हलफ़नामे पर दस्तखत करा दिए थे. अतीक़ ने 2007 में सोनिया गांधी की रिश्तेदार की प्रापर्टी पर कब्जा कर लिया था. हालांकि PMO की नाराजगी के बाद कब्जा छोड दिया था.

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साल 2012 में अतीक के खौफ के चलते 10 जजों ने भी अतीक के मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था.अतीक़ अहमद पर 2018 में लखनऊ के एक रियल स्टेट व्यवसायी को देवरिया जेल में ले जाकर पिटवाने का आरोप लगा. अतीक UP की जेलों में बंद रहने के दौरान भी जेल से अपने अपराध का कारोबार चला रहा था. अतीक़ अहमद पर नकेल कसने के लिए उसे गुजरात की साबरमती जेल में शिफ्ट किया गया था.

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2019 में वाराणसी से PM मोदी के खिलाफ अतीक अहमद ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. गुजरात की साबरमती जेल से भी अतीक की आपराधिक गतिविधियां नहीं थमी. 24 फरवरी 2023 को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल समेत उसकी सुरक्षा में लगे 2 सिपाहियों की हत्या करवाने का आरोप लगा.

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अब 28 मार्च को 2006 में उमेश पाल अपहरण मामले में MP-MLA कोर्ट का फैसला सुनने के लिए अतीक अहमद को साबरमती से आज प्रयागराज पहुंचाया जा रहा है. अहमद समाजवादी पार्टी (सपा) का पूर्व सांसद है और जून 2019 से साबरमती जेल में बंद है. उत्तर प्रदेश में जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट के आरोप में उच्चतम न्यायालय ने उसे वहां स्थानांतरित कर दिया गया था.

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    जुर्म की दुनिया में अतीक के 43 साल, चांद बाबा की हत्या कर बना खौफ का दूसरा नाम! जानें माफिया के गुनाहों का पूरा हिसाब-किताब

    साल 1979 में पहली बार हत्या करने के आरोप में अतीक के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज हुई थी. अतीक़ पर 6 नवंबर 1989 में अपने खिलाफ चुनाव लड़ने वाले माफिया चांद बाबा की हत्या का आरोप लगा. 1996 में अतीक पर अपने भाई अशरफ की गाड़ी ओवरटेक करने वाले प्रयागराज के व्यवसायी अशोक साहू की भी हत्या करा दिए जाने का आरोप लगाया गया.

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