एक मॉडल का कत्ल इसलिए कर दिया जाता है क्योंकि समाज का एक वर्ग उसकी जीवनशैली बर्दाश्त नहीं कर पाता. वह मूल रूप से इराक की राजधानी बगदाद की थी लेकिन एरबिल को ज़्यादा महफूज़ समझकर वह वहां चली गई थी. उसे लगातार धमकियां मिल रही थीं. वह साथियों से मिलने जुलने अक्सर बगदाद आया करती थी. पिछले 27 सितंबर को उसे बगदाद आना महंगा पड़ा क्योंकि यहां कातिल उसका इंतज़ार कर रहे थे.
कुछ ही रोज़ पहले तारा को इराक के उन सोशल मीडिया स्टारों की लिस्ट में टॉप टेन में शामिल किया गया था जिनके सबसे ज़्यादा फॉलोअर्स हैं. तारा को कहां पता था कि इंस्टाग्राम पर करीब तीस लाख की फैन फॉलोइंग होने के बावजूद इराकी समाज का एक बड़ा वर्ग उसे कितनी नफरत से देखता था. मॉडल होने के नाते तारा मॉडर्न कपड़े पहना करती थी और उसकी जीवनशैली भी आधुनिक थी जिससे कई दकियानूसी इराकी लोग नाराज़ थे.
बगदाद की ही रहने वाली तारा तीन साल पहले कुर्दिस्तान के एरबिल शहर में रहने चली गई थी क्योंकि बगदाद में उसे खतरा महसूस होने लगा था. अपने परिवार के साथ रहने वाली तारा अपने परिवार के भविष्य के लिए बहुत कुछ प्लैन कर रही थी. वह एक घर खरीदना चाहती थी और उस तरह जीना चाहती थी जैसे बाकी दुनिया में लोग जीते हैं लेकिन उसकी ज़िंदगी में ऐसा मोड़ लिखा था जिसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता था.
एरबिल में रहते हुए पिछले कुछ समय से तारा के लिए बगदाद आना-जाना अक्सर की बात हो गई थी. मॉडलिंग के काम और दोस्तों से मुलाकात के सिलसिले में वह जल्दी जल्दी बगदाद आने लगी थी. पिछले 27 सितंबर को वह सेंट्रल बगदाद के कैंप साराह इलाके में अपनी सफेद रंग की कनवर्टिबल कार में थी. तभी दिनदहाड़े कुछ लोग वहां पहुंचे और 22 साल की तारा को तीन गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया.
तारा फेयर्स की मौत के बाद इराकी समाज की रूढ़िवादिता को लेकर बहस छिड़ गई है और आला नेता भी इसे दुखद घटना करार दे रहे हैं. वहीं, तारा के दोस्त रहे फोटोग्राफर ओमर का कहना है कि तारा को धमकियां मिलती रहती थीं कि उसने अपने जीने और रहन सहन का ढंग नहीं बदला तो अच्छा नहीं होगा, लेकिन तारा ने इन धमकियों की परवा नहीं की और उसे लगता रहा कि ये झूठी धमकियां हैं. मोनर का कहना है कि तारा की मौत के बाद उसके और दोस्त भी अपनी जान को लेकर डरे हुए हैं.
तारा की मौत के बाद महिलाओं से लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीति तक समाज के रवैये और आॅनर किलिंग को लेकर बहस छिड़ी हुई है. एक वर्ग इसे दुखद बता रहा है तो एक वर्ग तारा की हत्या को जायज़ ठहरा रहा है. गौरतलब है कि अगस्त में एक ब्यूटीशियन रफीफ और एक कॉस्मेटिक एक्सपर्ट राशा को भी कत्ल कर दिया गया था. इन दोनों के हत्यारे भी अब तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए हैं. एक हफ्ते पहले इराक के बसरा में महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली सुआद को भी कत्ल कर दिया गया था.
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