कृषि कानून के खिलाफ देश के अन्नदाताओं का प्रदर्शन लगातार जारी है.नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसान आंदोलन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसानों के एक प्रतिनिधि ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके मन की बात सुनें. उन्होंने कहा, हम अपनी मांगों से समझौता नहीं कर सकते.
किसानों के प्रतिनिधि ने दावा किया कि यदि सत्तारूढ़ पार्टी उनकी चिंता पर विचार नहीं करती तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी. उन्होंने कहा, हम यहां निर्णायक लड़ाई के लिए आए हैं. वहीं, एक अन्य किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आंदोलन को दबाने के लिए अब तक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लगभग 31 मामले दर्ज किए गए हैं.
गुरु नानक जयंती समारोह के बीच कैंडल जलाकर किसानों ने सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) में फार्म लॉ के खिलाफ अपना विरोध जारी रखा.
किसानों के समर्थन वाले रूबिंदर घुमन कहते हैं, यह कैंडल मार्च केंद्र के 3 कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा आयोजित किया जा रहा है.
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