दिल्ली के बुराड़ी इलाके में बना 6 गज का एक मकान पिछले कुछ दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है. मात्र 6 गज की जमीन पर पांच लोगों का परिवार कैसे रह रहा है इसकी कल्पना क्या कोई कर सकता है? क्या कोई 6 गज जमीन में अपना आशियाना बसा सकता है? लेकिन, यह सच है. तीन मंजिला इस इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर फर्स्ट फ्लोर के लिए जाने का रास्ता है और साथ में वॉशरूम है. अगर आप सेकेंड फ्लोर पर जाएंगे तो यहां एक बेडरूम और उससे सटा एक वॉशरूम नजर आएगा. बेडरूम से ही दूसरी मंजिल के लिए रास्ता निकला हुआ है. पहली मंजिल पर पहुंचते ही एक बेड आपको नजर आएगा. इस बेड को मकान मालिक ने कमरे के अंदर ही बनवाया था. तब से अब तक वो बेड उस कमरे की शोभा बढ़ा रहा है. पहली मंजिल से दूसरी मंजिल पर जाने पर वहां पूजा और किचन दोनों के सामान नजर आएंगे.
संत नगर की मेन मार्केट से होते हुए चौधरी डेयरी से दाहिनी तरफ मुड़ने पर 6 गज जमीन पर बने इस मकान के बारे में पूछने पर लोग बताने लगते हैं. न्यूज़ 18 हिंदी ने जब 6 गज जमीन वाली बिल्डिंग के बारे में एक राहगीर से पूछा तो उसने कहा कि देखिए जो यादवेंद्र स्कूल नजर आ रहा है उससे पहले ही गली नंबर 62 है. उस गली में प्रवेश करने के बाद आप बाएं मुड़ जाएंगे तो आपको गली के अंत में जो बिल्डिंग दिखाई देगी वही 6 गज की जमीन पर बनी मकान है. यहां आने वाला हर शख्स इस मकान को बनाने वाले की तारीफ करते नहीं थकता. लोगों से पूछताछ में पता चला कि मकान बनाने वाला एक मजदूर था, जो बाद में कारीगर भी बन गया. उसी कारीगर ने 6 गज जमीन खरीद कर अपने लिए शानदार और बुराड़ी के लिए अजूबा मकान बना डाला.
आज हकीकत ये है कि इस 6 गज की मकान से इलाके के वजूद का पता चल रहा है. पवन कुमार उर्फ सोनू इस मकान के मौजूदा मालिक न्यूज़ 18 हिंदी से बातचीत में कहते हैं, 'इस मकान को हमने 5-6 साल पहले अरुण कुमार नाम के एक व्यक्ति से खरीदा था. मकान तिकोना है. मकान नीचे में तो 6 गज का है लेकिन जब ग्राउंड फ्लोर से ऊपर जाएंगे तो इसकी लंबाई और चौड़ाई दोगुना बढ़ जाती है. इसी का नतीजा है कि इस मकान में एक बेड और वॉशरूम निकल पाया. क्योंकि मकान दो तरफ से खुली हुई है. इसलिए पहले फ्लोर से मकान 16 गज का हो जाता है. इसमें ढाई फुट का छज्जा दो रास्तों पर निकला हुआ है. इससे काफी जगह बढ़ गई है.
बता दें कि जहां तंग गलियों से निकलने पर लोग झल्ला जाते हैं वही एक शख्स ने तंग जमीन पर तीन दो मंजिला इमारत खड़ी कर दी है. मकान का मौजूदा मालिक पवन कुमार उर्फ सोनू ने ये मकान चार साल पहले अरुण कुमार से खरीदा था. सोनू कहते हैं कि ढाई फुट का छज्जा दो रास्तों से निकला है, जिससे थोड़ी जगह बढ़ गई है. इस मकान को राजमिस्त्री का काम करने वाले अरुण कुमार ने खुद बनाया था. मकान बेचकर अरुण कुमार लापता हो गया. वो अब कहां हैं, किसी को ये नहीं पता. सोनू के अलावा पड़ोस के लोगों का कहना है कि अरुण कुमार पर काफी कर्ज हो गया था. वो कर्ज चुकाने में असमर्थ था इसलिए मकान बेचकर अंडरग्राउंड हो गया.
स्थानीय लोगों ने बताया कि अरुण कुमार स्वभाव से आदमी अच्छा था लेकिन जुए की लत ने उसे बर्बाद कर दिया. अब वो कहां हैं और क्या कर रहा है ये किसी को पता नहीं है. मकान के मौजूदा मालिक सोनू और स्थानीय लोगों ने कहा कि अरुण कुमार पर कर्ज हो गया था और कर्ज चुकाना उनके बस की बात नहीं थी इसलिए रातोंरात वो सोनू को मकान बेचकर फरार हो गया.
मकान के मौजूदा मालिक सोनू ने बताया कि उसके पिता दिल्ली पुलिस में थे, लेकिन साल 2004 में उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई. हम चार भाई-बहन हैं. मेरी दो बहनें और एक भाई दिल्ली पुलिस में हैं और मैं बिल्डिंग बनाने का कारोबार करता हूं. सोनू ने कहा कि फिलहाल वो ये मकान नहीं बेचेंगे. उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने मुझसे मकान खरीदने के लिए संपर्क किया है और वो 15 लाख रुपए तक इसकी कीमत लगा रहे हैं.
सोनू कहते है कि 6 गज में बने इस मकान की वजह से बहुत सारे लोग इसे देखने आते है. मकान का सुर्खियों में रहना मेरे मकान ना बेचने की वजह है. इस मकान में रह रही उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के पिंकी ने न्यूज़ 18 हिंदी से बातचीत में कहा कि मेरे पति का नाम संजय है और वो पेशे से ड्राइवर हैं. गाड़ी चलाकर वो अपना घर-परिवार चला रहे हैं. पिंकी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से काफी लोग मकान देखने आ रहे हैं, जिससे हमें दिक्कत हो रही है.
पिंकी के मुताबिक वो इस मकान के लिए 3500 रुपए महीना किराया देती है. और करीब 150-200 रुपए तक बिजली का बिल आ जाता है. पिंकी के तीन बच्चे हैं. वो अपने पति, दो बेटों और एक बेटी के साथ इस मकान में रहती है. पिंकी कहती हैं कि वो लगभग 6 महीने से इस मकान में रह रही हैं. पहले लगता था कि कैसे तंग घर में रह रहे हैं लेकिन बाद में आदत पड़ गई. वो कहती हैं कि अब अच्छा लगता है कि हमारे मकान को पूरा दिल्ली जानता है और 6 गज में बने इस मकान को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं.
मकान के टॉप फ्लोर पर टॉइलट और बाथरूम बना है. जबकि सबसे ऊपर पानी की टंकी रखी है. यह घर पांच पिलर पर टिका हुआ है. घर की एक ही तरफ पांच खिड़कियां खुलती हैं. 6 गज जमीन में बना ये मकान बताता है कि इंसान छोटे से मकान में भी अपनी जिंदगी गुजार सकता है. कारीगरों और शिल्पकारों को इस मकान को एक उदाहरण के रूप में लेना चाहिए.
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