लोकसभा चुनाव 2019 के लिए प्रचार में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले एक साथ दो बड़े आयोजन करने में सरकार के हाथ पांव फूल जाते थे. 2009 में और 2014 में तो कांग्रेस सरकार लोकसभा चुनाव और आईपीएल एक साथ नहीं करा पाई थी. आगे पढ़ें- मोदी ने भाषण के भाषण की खास बातें...
मोदी ने कहा कि देश की रक्षा करने वालों को अपनी जागीर कौन समझता रहा है. ये भी मैं आज दिल्ली की धरती से उन लोगों की आंख में आंख मिलाकर देश और दिल्ली की जनता को बताना चाहता हूं. क्या आपने सुना है कि कोई अपने परिवार के साथ युद्धपोत से छुट्टियां मनाने जाये ? आप इस सवाल से हैरान मत होइये, ये हुआ है और हमारे ही देश में हुआ है. कांग्रेस के नामदार परिवार ने आईएनएस विराट का व्यक्तिगत टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया, उसका अपमान किया था. ये बात तब की है जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और 10 दिन की छुट्टियां मनाने निकले थे.
मोदी ने कहा कि राजीव गांधी के साथ युद्धपोत आईएनएस विराट में छुट्टी मनाने वालों में, उनकी ससुराल वाले यानि इटली वाले भी शामिल थे. सवाल ये कि क्या विदेशियों को भारत के वॉरशिप पर ले जाकर तब देश की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया गया था? या सिर्फ इसलिए क्योंकि वो राजीव गांधी की ससुराल के लोग थे. मोदी ने कहा कि जब एक परिवार ही सर्वोच्च हो जाता है, तब देश की सुरक्षा दांव पर लग ही जाती है. जब एक परिवार ही सर्वोच्च हो जाता है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की चिंता भी नहीं रह जाती है.
मोदी ने कहा कि भारत में चार अलग-अलग तरह की राजीतिक परम्पराएं रही हैं. पहला - नामपंथी, दूसरा - वामपंथी, तीसरा- दाम और दमन पंथी, चौथा- विकास पंथी. लेकिन दिल्ली देश का इकलौता राज्य है, जिसने पॉलिटिकल कल्चर का एक पांचवां मॉडल भी देखा. ये है नाकाम पंथी. यानि जो दिल्ली के विकास से जुड़े हर काम को ना कहते हैं और जो काम करने की कोशिश भी करते हैं, उसमें नाकाम रहते हैं.
मोदी ने कहा कि भारत में चार अलग-अलग तरह की राजीतिक परम्पराएं रही हैं. इन नाकामपंथियों ने, भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़े आंदोलन को नाकाम किया. देश के सामान्य मानवी की छवि को, आम आदमी की छवि को बदनाम किया. करोड़ों युवाओं के विश्वास और भरोसे को चकनाचूर किया. इन्होंने देश में नई राजनीति के प्रयासों को भी नामाम किया है. ये लोग देश बदलने आए थे लेकिन खुद ही बदल गए. ये लोग नई व्यवस्था देने आए थे, लेकिन खुद ही अव्यवस्था-अराजकता का दूसरा नाम बन गए.
मोदी ने कहा कि इन लोगों ने अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिए हर बात से यू-टर्न लेने का काम किया. देश की हर संवैधानिक संस्था, हर पद को गाली देकर इन्होंने अपने कुसंस्कार प्रकट किए. इन लोगों ने पहले हर किसी को अनाप-शनाप कहा और फिर घुटनों के बल चलकर माफी मांग ली. पंजाब विरोधियों और खालिस्तान समर्थकों को इन्होंने ताकत दी. यहां तक की विदेश जाकर, देश विरोधी ताकतों से भी संपर्क करने, संपर्क रखने में इन्होंने संकोच नहीं किया. मोदी ने कहा कि दिल्ली में केंद्र सरकार और राज्य सरकार, दोनों के अस्पताल हैं. केंद्र सरकार के अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को हर साल 5 लाख रुपए का इलाज सुनिश्चित हुआ है. लेकिन ये सुविधा राज्य सरकार के अस्पताल में गरीब को नहीं मिल रही.
मोदी ने कहा कि कांग्रेस के नामदार परिवार की चौथी पीढ़ी को आज देश देख रहा है. लेकिन ये वंशवादी प्रवृत्ति सिर्फ एक परिवार तक ही सीमित नहीं रही है. जो इस परिवार के करीबी रहे, उन्होंने भी वंशवाद का झंडा बुलंद रखा. दिल्ली में दीक्षित वंश, हरियाणा में हुड्डा वंश से लेकर भजन लाल जी और बंसी लाल जी तक, सिर्फ वंशवाद की ही सियासत चल रही है. पंजाब में बेअंत सिंह परिवार, राजस्थान में गहलोत और पायलट परिवार, मध्य प्रदेश में सिंधिया, कमलनाथ और दिग्विजय जी वंशवाद का नारा बुलंद कर रहे हैं. वंशवाद की ये विकृति कांग्रेस के साथ दूसरे महामिलावटी दलों में भी फैली हुई है. जम्मू कश्मीर में अब्दुल्ला वंश और मुफ्ती वंश चल रहा है.यूपी में मुलायम सिंह जी तो बिहार में लालू जी के परिवार के नाम पर ही पार्टियां चल रही हैं.
मोदी ने कहा कि कांग्रेस आजकल अचानक न्याय की बात करने लगी है. कांग्रेस को बताना पड़ेगा, कि 1984 के सिख दंगों में हुए अन्याय का हिसाब कौन देगा? कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि सिख दंगों से जुड़ा होने का जिन पर आरोप है, उनको मुख्यमंत्री बनाना कौन सा न्याय है. मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने देश के साथ जो अन्याय किया, हम उसे निरंतर कम करने की कोशिश कर रहे हैं. मुझे संतोष है कि तीन दशक बाद पहली बार 84 के सिख दंगों के गुनहगारों के गिरेबान तक कानून पहुंचा है. पहली बार वो सलाखों के पीछे पहुंचे हैं, फांसी के फंदे तक पहुंचे हैं.
मोदी ने कहा कि आप याद कीजिए कि दिल्ली पर कितनी बार आतंकियों ने हमले किए. कितने ही निर्दोष लोग इन धमाकों की चपेट में आए. वो दिन भी थे, जब दिल्ली के लोग बसों में डरते-सहमते हुए चढ़ते थे, बाजारों में चलते समय मन में एक खटक रहती थी कि कहीं कुछ हो न जाए. मोदी ने कहा कि 2014 से पहले एक साथ 2 बड़े आयोजन करने में सरकार के हाथ पांव फूल जाते थे. 2009 में और 2014 में तो कांग्रेस सरकार लोकसभा चुनाव और आईपीएल एक साथ नहीं करा पाई थी. पहले जो नामुमकिन लगता था अब वो मुमकिन हुआ है. नया हिंदुस्तान अब अपनी समस्याओं के लिए कहीं जाकर गिड़गिड़ाता नहीं है. नया हिंदुस्तान जानता है कि आतंकी हमलों का खतरा अभी टला नहीं है लेकिन वो आश्वस्त है. क्योंकि नया हिन्दुस्तान अब आतंकियों को घर में घुसकर मारता है.
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